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जालोर मंदिर विवाद: कथावाचक के बयान के बाद फिर गरमाया मामला, देर रात फिर जुटी भीड़; लगाए ये आरोप

Rajasthan News: जालोर में कथावाचक अभयदास महाराज ने शनिवार शाम को मंत्री जोराराम कुमावत के साथ जालोर दुर्ग की चढ़ाई पर स्थित बायोसा मंदिर में दर्शन किए तो मामला शांत हुआ, लेकिन एक वीडियो के बाद रात को मामला फिर से गरमाया।

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Jalore temple dispute

रात में अस्पताल चौराहे जुटी भीड़, फोटो- पत्रिका

Rajasthan News: जालोर में कथावाचक अभयदास महाराज ने शनिवार शाम को मंत्री जोराराम कुमावत के साथ जालोर दुर्ग की चढ़ाई पर स्थित बायोसा मंदिर में दर्शन किए तो मामला शांत हुआ, लेकिन कथावाचक को तखतगढ़ लौटने के दौरान उनकी ओर से जारी किए गए एक वीडियो के बाद रात को मामला फिर से गरमाया।

रात 8 बजे के बाद काफी संख्या में लोग अस्पताल चौराहे पर जुटे और रास्ता अवरुद्ध करने का प्रयास किया। सूचना पर पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा और समझाइश का प्रयास किया। काफी प्रयास के बाद देर रात को पुलिस के सख्त रुख के बाद भीड़ को यहां से खदेड़ा जा सका।

यह वीडियो जारी किया

कथावाचक ने वीडियो में कहा मंदिर में दर्शन के बाद उन्हें पुलिस जाब्ते के साथ जबरन तखतगढ़ आश्राम ले जाया जा रहा है, जबकि उनकी इच्छा नहीं है। कथावाचक ने आरोप लगाया कि उनके दो बाल संत को भी एक धर्म स्थल पर रोका गया है। यह भी कहा कि इच्छा थी कि पूरी कथा हो, लेकिन स्थानीय स्तर पर उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जा रहा।

कथावाचक ने कई गंभीर आरोप भी वीडियो में लगाए। जिसके बाद लोगों की भीड़ फिर से अस्पताल चौराहे पर जुटी। पुलिस उप अधीक्षक ने कहा कि कथावाचक की ओर से कहे गए तथ्यों की जांच करवाई गई। मामला वर्तमान में शांतिपूर्ण है।

दो दिन तनावपूर्ण रहा माहौल

कथावाचक की आर से किले की चढ़ाई पर स्थित बायोसा मंदिर दर्शन करने के कूच करने के आह्वान के बाद पुलिस ने उन्हें रोका। महिलाएं वहां पहुंची, जबकि कथावाचक को कथा के पीछे ही एक आवास में घेर लिया गया। कथावाचक की तबीयत भी बिगड़ी। कथावाचक ने आमरण अनशन की चेतावनी दी। इस पूरे माहौल में आरोप प्रत्यारोप लगे।

शनिवार को संतों का एक समूह सिरे मंदिर से पहुंचा और कथावाचक से शांति बनाए रखने और अनशन नहीं करने की गुजारिश की। बात नहीं बनी तो संतों का समूह लौट गया। दिनभर की गहमागहमी के बाद शाम को मंत्री जोराराम पहुंचे और समझाइश की। तीन सूत्री मांग पत्र पर सहमति के बाद कथावाचक को बायोसा मंदिर ले लाया गया और उसके बाद सर्किट हाउस जालोर से सीधे ही तखतगढ़ ले जाया गया।