चुनाव में हार-जीत होती रहती है: गहलोत
उन्होंने कहा कि हम जानते थे कि यह सीट बहुत कठिन है। देश, प्रदेश और कांग्रेस के हालात को समझते हुए वैभव गहलोत ने वहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया। चुनाव प्रचार बहुत अच्छा रहा और चुनाव में हार-जीत होती रहती है। इससे पहले गहलोत ने कहा था कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को विश्वास दिलाया था कि
लोकसभा चुनाव में प्रदेश में इस बार चौंकाने वाले परिणाम आएंगे और इंडिया गठबंधन दो अंकों में भी सीटें जीत सकता है।
‘जनता ने भाजपा को सबक सिखाया’
गहलोत ने कहा कि इसी बात को मैंने मीडिया में भी बार-बार कहा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में राजस्थान से पहले चरण के मतदान से ही एक संदेश गया कि इस सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति के विरुद्ध लड़ा जा सकता है। राजस्थान से पहले चरण में जो लहर शुरू हुई वह पूरे देश में पहुंची। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में इंडिया गठबंधन की डबल अंकों में सीटें आना दिखाता है कि जनता को यह एहसास था कि अच्छी योजनाओं एवं सुशासन के बावजूद भाजपा ने भ्रमित करके वोट लिए और सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एक तरह के प्रायश्चित के तौर पर जनता ने भाजपा को सबक सिखाया है। उन्होंने कहा कि वह अपने उन हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दिल से शुक्रिया अदा करते हैँ, जिन्होंने जी जान से मेहनत की एवं आपसी मतभेद भुलाकर इंडिया गठबंधन को मजबूत किया। उन्होंने राजस्थान से नवनिर्वाचित सभी सांसदों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जो प्रत्याशी सफल नहीं हुए हैं वे निराश न हों एवं जनसेवा का संकल्प मजबूत करके आगे के लिए तैयारी करें। आपको बता दें कि जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर लुंबाराम चौधरी को 796783 वोट मिले। वैभव गहलोत को 595240 वोट मिले। बीजेपी के लुंबाराम चौधरी 201543 वोट से विजयी हुए।