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Jalore News: लूनी नदी से पंचायतों का संपर्क कटा, 100 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ रहा मुख्यालय

ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसी आपात स्थिति में किसी को अस्पताल या उपखंड मुख्यालय जाना हो, तो 20 से 25 किलोमीटर की दूरी की बजाय 100 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।

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पानी से लबालब रपट। फोटो- पत्रिका

इस बार मानसून की अच्छी बारिश होने के दौरान जालोर में लूनी नदी के उफान पर आने से चितलवाना उपखंड के नेहड़ क्षेत्र के कई गांवों का उपखंड मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया। इस कारण इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रशासनिक कार्यों, चिकित्सकीय आपात स्थिति या अन्य आवश्यक कार्यों के लिए करीब 100 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय कर गांधव होकर उपखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ रहा है।

आधा दर्जन पंचायतें प्रभावित

दुठवा, टांपी, भीमगुड़ा, सिपाईयों की ढाणी, खेजड़ियाली, सुराचंद सहित करीब आधा दर्जन पंचायतें प्रभावित हुई हैं। जहां से सीधा संपर्क सड़क मार्ग पर बनी रपटों पर पानी भरने से बंद हो गया है। इन पंचायतों के ग्रामीणों का कहना है कि लूनी नदी के प्रवाह क्षेत्र में वर्षों से रपटें बनी हुई हैं, लेकिन हर साल बारिश के दौरान यही स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

नदी या नर्मदा नहर से छोड़े गए पानी से गलीफा से दुठवा, सुथड़ी से सुराचंद तथा सुथड़ी से खेजड़ियाली सड़क मार्गों पर बनी रपटों पर पानी भर जाता है और आवागमन बिल्कुल बंद हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर वे कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, मगर आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। ग्रामीणों की मांग है कि लूनी नदी के प्रवाह क्षेत्र में रपटों की जगह पक्के पुलों का निर्माण करवाया जाए ताकि वर्ष भर निर्बाध रूप से यातायात सुचारू रह सके।

इन मार्गों पर हो पुल का निर्माण

दुठवा के पास गलीफा-दुठवा मार्ग पर, सुराचंद मार्ग पर दो स्थानों पर और खेजड़ियाली मार्ग पर पुल निर्माण की मांग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के मौसम में न केवल वाहन चालकों को बल्कि मरीजों, विद्यार्थियों और अन्य जरूरतमंदों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

यदि किसी आपात स्थिति में किसी को अस्पताल या उपखंड मुख्यालय जाना हो, तो 20 से 25 किलोमीटर की दूरी की बजाय 100 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। इससे समय व धन की बर्बादी होती है और कई बार जान पर भी बन आती है। ग्रामीणों ने एक बार फिर प्रशासन से मांग की है कि इन स्थानों पर स्थायी पुलों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए ताकि हर साल आने वाली इस परेशानी से निजात मिल सके।

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पुल की कर चुके मांग

इन तीनों मार्गों पर पुल निर्माण करवाने के लिए क्षेत्र के जन नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत करवा चुके हैं। फिर भी इन मार्ग पर पुल निर्माण को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से बारिश के मौसम में नेहड़ क्षेत्र के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
भारतसिंह राजपूत, सूराचंद

लूनी नदी में पानी आने पर कई पंचायतों का उपखंड मुख्यालय से संपर्क कट जाता है इस प्रकार की समस्या के समाधान को लेकर हमारे द्वारा ग्रामीणों की मांग के अनुरूप इन मार्गों पर पुल बनाने के लिए प्रस्ताव बनवाकर राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा ताकि समस्या का स्थाई समाधान हो सके।
देशलाराम परिहार, उपखंड अधिकारी, चितलवाना