
जालोर। नकल गिरोह से जुड़ाव रखने के साथ फर्जीवाड़े से शिक्षक की नौकरी हासिल करने के मामले में अब बाड़मेर जिले की लिस्टिंग होगी। पांच साल में नियुक्ति पाने वाले इन कार्मिकों के दस्तावेजों की जांच के साथ रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके लिए निदेशक प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर सीताराम जाट ने कार्यालय आदेश जारी करते हुए जिले के 10 प्रधानाचार्य-व्याख्याता को नियुक्त किया है।
इस अहम जिम्मेदार अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस एवं एसओजी जयपुर की ओर से 26 मई 2025 को निदेशालय को भेजे गए पत्र के बाद दी गई है। पत्र में लिखा गया कि राज्यहित में बाड़मेेर जिले के विगत 5 वर्ष में नियुक्त कार्मिकों के दस्तावेजों की पुन: जांच कर संदिग्धों की छंटनी के लिए दोबार स्क्रूटनी करवाई जानी है।
एसटीएस-एसओजी ने विभाग को अवगत करवाया कि जालोर की टीम ने अत्यंत लगन एवं निष्पक्षता से जालोर जिले में यह कार्य किया है। इसलिए इसी टीम से बाड़मेर में भी यह कार्य करवाया जाए। अब यह टीम 27 अगस्त से बाड़मेर जिले में यह कार्य करेगी।
एसओजी ने 7 और 8 अगस्त को फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बने 123 शिक्षकों की सूची जारी करते हुए मामला दर्ज करवाया था। जिसमें से जालोर जिले से 115 संदिग्ध शिक्षक शामिल है। ये सभी शिक्षक जांच के दायरे में है।
जालोर जिले में विभिन्न स्तर पर पड़ताल के बाद 379 की लिस्टिंग की गई, जिसके बाद अंतिम स्तरीय जांच में 115 संदिग्धों की सूची एसओजी को उपलब्ध करवाई गई थी। इसी बेहतरीन कार्य के आधार पर अब जालोर की टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जालोर से 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जिसमें डाईट प्रधानाचार्य भैराराम चौधरी, मोदरा से प्रधानाचार्य जितेंद्रसिंह, बागोड़ा से व्याख्याता खेमसिंह, झाब से प्रधानाचार्य किशनलाल, सांचौर बी ढाणी से प्रधानाचार्य घनश्याम वैष्णव, भादरड़ा से प्रधानाचार्य मनोज दवे, नरसाणा से प्रधानाचार्य कमलकांत, सामुजा से प्रधानाचार्य धनराज, भादरुणा से व्याख्याता मालाराम और बाकरारोड से प्रधानाचार्य राजशेखर शामिल है।
जालोर जिले के सांचौर और बाड़मेर जिले में नकल, पेपर आउट और डमी अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षा में बिठाने के इनपुट एसओजी के पास मौजूद है। प्रारंभिक जांच में बाड़मेर में प्रभावी कार्यवाही का अभाव देखने को मिला। जालोर की टीम की ओर से जालोर जिले में प्रभावी कार्यवाही को देखते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जालोर की यह टीम बाड़मेर में ब्लॉक वाइज पांच साल में नियुक्ति हासिल करने वाले तमाम शिक्षा पदाधिकारियों के दस्तावेजों की जांच करेगी और उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया भी जांचेगी।
बाड़मेर में 4 हजार 900 से अधिक कर्मचारियों की सूची मौजूद है। जिनकी विभिन्न स्तर पर जांच होगी। अंतिम स्तरीय रिपोर्ट इस टीम की ओर से मुख्यालय को सबमिट की जाएगी, जहां से एसओजी को उपलब्ध करवाई जाएगी। गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ जांच और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
25 Aug 2025 03:24 pm
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