
Milk report of Jalore
जीतेश रावल. जालोर
दूध पीकर सेहत बनाने का सपना पालने वाले धोखा खा सकते हैं। दूध में तंदुरुस्ती बढ़ाने वाले मानकों में कमी आ रही है। हाल ही में हुई जांच रिपोर्ट में तो यही सामने आया है। महकमे ने जालोर शहर में संचालित तीन डेयरी पार्लर पर जांच की थी।
रैंडमली किए गए इस सर्वे का सच सामने आया तो आंखें खुली रह गई। सैम्पल की जांच रिपोर्ट बताती है कि डेयरी पार्लर पर मिलने वाले मिक्स मिल्क में तय मानक ही नहीं है। अवमानक होने से यह एक तरह से केवल सफेद पानी ही साबित हो रहा है। अमानक दूध लोगों के लिए पौष्टिक नहीं होने से इसे पीकर न तो लोगों की सेहत बन सकती है और न ही इससे तंदुरुस्त रह सकते हैं। ऐसे में इस दूध का सेवन करना लोगों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रहा।
इन जगहों पर हुई जांच
दूध पीओ चाहे मत पीओ
स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में तीन जगहों पर दूध के सैम्पल लिए थे, जिसकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है। तीनों ही जगह का दूध अमानक पाया गया। अधिकारी बताते हैं कि दूध में जितने मानक होने चाहिए उतना है नहीं। ऐसे में तंदुरुस्ती के लिए दूध पीना या नहीं पीना बराबर ही है।
मावा... खाने लायक ही नहीं
दूध तो अमानक हैही दूध से बनने वाले खाद्य पदार्थ सेहत के लिए और खतरा बन रहे हैं।दूध के साथ ही मिठाई की दुकानों पर सैम्पल लिए गए थे, जिनकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें मावा खाने योग्य नहीं पाया गया। मावे से बनी मिठाइयां खाने से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। लगातार ऐसी रिपोर्ट आने के बावजूद मिष्ठान विक्रेता व दूध पार्लर पर सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही।
कार्रवाई कर रहे हैं...
दूध व मावे के सैम्पल लिए गए थे, जिसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। दूध अमानक पाया गया है, जबकि मावा अनसेफ मिला है। दुकान संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
-गजेंद्र सिंघल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, जालोर
Published on:
01 Dec 2017 10:53 am
बड़ी खबरें
View Allजालोर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
