
चितलवाना. कहते है कि कुदरत की मार इंसान के चारों तरफ से आती है। घर के सारे रास्ते बंद होने के बाद में घर में खाने के राशन लेने के लिए निकला एक युवक बाढ़ में बह गया। यह मामला बाढ़ के पानी से घिरे रणोदर का हैं। रणोदर निवासी भुटाराम (25) पुत्र नरसीराम मेघवाल अपने दो अन्य साथियों के साथ राशन का सामान लेने के लिए पादरड़ी गांव गया हुआ था। पादरड़ी गांव में राशन की दुकान से राशन लेकर वापस आते समय रास्ते में पानी का वेग बढऩे से तीनों ही साथी पानी के साथ बह गए। लेकिन दो साथियों ने खेत के सहारे कांटों के तार को पकड़कर जान बचा ली। वहीं भुटाराम पानी के साथ बह गया। सूचना पर थानाप्रभारी तेजुसिंह व एनडीआरफ की टीम की ओर से नाव से मौके पर जाकर तलाश शुरू की। लेकिन उसका शव नहीं मिल पाया।
राशन के लिए खो दिया बेटा
सुकड़ी नदी में बाढ़ आने के बाद से रणोदर गांव के चारों ओर से पानी का भराव होने से सारे रास्ते बंद हो गए थे। करीब पांच दिन बीत जाने के बाद में गांव के लोगों को खाने-पीने की कोई सुविधा नहीं थी।ऐसे में इन तीनों को पेट की भूख मिटाने के लिए राशन लाने के लिए पानी से मजबूरन जाना पड़ा। ऐसे में नरसीराम मेघवाल के परिवार ने राशन लाने के लिए अपना जवान बेटा ही खो दिया। रणोदर निवासी नरसीराम के घर में उसकी बेटे भुटाराम की पत्नी को पानी से निकालकर सांचौर के अस्पताल में भर्ती करवाया था। जहां उसके एक बेटी हुई।
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