
जांजगीर-चांपा. एसडीएम सक्ती इंद्रजीत बर्मन ने मालखरौदा सरपंच वृंदालाल धीवन के खिलाफ धारा ४०(१) व ४०(२) की कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से सरपंच पद से हटा दिया है। सरपंच ेके खिलाफ लगभग १२ लाख रुपए के गबन का आरोप लगा है।
एसडीएम ने यह कार्रवाई प्रभारी तहसीलदार विनय सोनी, तहसीलदार प्रियंका बंजारा और जनपद पंचायत मालखरौदा के सीएमओ के जांच प्रतिवेदन पर संज्ञान लेते हुए किया है। एसडीएम की इस कार्रवाई ने एक बार फिर भ्रष्टाचार करने वाले सरपंचों की नींद उड़ा दी है।
एसडीएम इंद्रजीत बर्मन ने पत्रिका को बताया कि जांच अधिकारियों की संयुक्त जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि सरपंच भ्रष्टाचार के कई मामलों में दोषी पाया गया है। जांच में पाया गया उसने विकास कार्य के नाम पर जो राशि खर्च की उसकी कैश बुक को मेंटेन नहीं किया और जो बिल बाउचर नंबर उसने दर्शाए थे उनका मिलान बिल बाऊचर से नहीं हुआ।
इतना ही नहीं सरपंच ने स्टेशनरी से संबंधित सामग्री में दो लाख ६ हजार रुपए खर्च होना दर्शाया है, जबकि उसके द्वारा बिल दो लाख ५९ हजार ५०० रुपए का पेश किया गया है। जब इसका भौतिक सत्यापन कराया गया तो पाया गया कि उपलब्ध सामग्री की अनुमानित राशि पेश बिल से काफी कम है।
इतना ही नहीं उसने जो अंबिका बुक डिपो का बिल लगाया उसमें मात्रा भी नहीं दर्शाई गई। जांच में यह भी पाया गया कि सरपंच ने शंकर बर्तन भंडार से आठ दरी, चार कुकर, चार लग्जरी कुर्सी, एक आलमारी, कंप्यूटर टेबल, ४५०० रुपए का ए-४ साइज पेपर खरीदा और बिल ४९५०० का दर्शाया।
भौतिक सत्यापन करने पर इसमें भी बड़ी मात्रा में अनियमितता मिली। सरपंच ने क्षेत्र में मरम्मत कार्य के लिए सिंटेक्स व पंप खरीदी सहित अन्य चीजों को खरीदने का फर्जी बिल पेश किया। इसमें सचिव की भी संलिप्तता पाई गई। इतना ही नहीं उसके द्वारा पांच लाख ४४१३५ रुपए की पाइप लाइन विस्तार को लेकर खर्च की गई राशि का कोई हिसाब नहीं दिया गया।
45 पेड़ों की दी बली
एसडीएम ने बताया कि सरपंच ने तालाब सुंदरी करण के नाम पर वहां लगे ४५ हरेभरे पेड़ों को काट कर तालाब को बीरान बना दिया और जब उससे लकड़ी के बारे में पूछा गया तो उसने लकड़ी कहां गई किसी को नहीं बताया।
बेटे बहू भतीजे को बनाया वेंडर
सरपंच ने अपने बेटे व बहू सहित भतीजे को वेंडर दर्शाते हुए फर्जी भुगतान दिखाया है। इसकी पकड़ सामने आई है।
बुक स्टॉल का बिल और सप्लाई सीमेंट की
एसडीएम ने बताया कि सरपंच ने काफी मात्रा में सीमेंट खरीदी करना दर्शाया है। इसमें उसने बुक संचालक का बिल पेश किया है। पूछताछ में बुक संचालक ने फर्जी बिल होना बताया, जबकि भुगतान राशि उसके खाते में ट्रांसफर हुई है। इससे बुक स्टॉल संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
11 May 2018 12:09 pm
बड़ी खबरें
View Allजांजगीर चंपा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
