एक विद्यार्थी सिर्फ एक विद्यालय के लिए ही आवेदन कर सकेगा। वहीं महतारी दुलार योजना अंतर्गत बच्चों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। रिक्त सीट का 50 प्रतिशत छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा, अधिक पात्र आवेदन होने लॉटरी सिस्टम माध्यम से रेडमली चयन किया जाएगा, बीपीएल अभिभावकों के बच्चों को रिक्त सीट के विरूद्ध 25 प्रतिशत सीटों में प्रवेश दिया जाएगा।
एडमिशन के लिए मचती है होड़ बता दें, स्वामी आत्मानंद विद्यालयों में प्रवेश के लिए हर साल मारामारी की स्थिति बनती है। खासकर अंग्रेेजी माध्यम के लिए। यहां की पूरी पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होती है और नि:शुल्क पढ़ने का मौका मिलता है। ऐसे में लोग बड़ी संख्या में आवेदन करते हैं। स्थिति ऐसी बन जाती है कि क्लास वन के 50 सीटों के लिए एक सीट के पीछे चार से छह गुना तक आवेदन जमा हो जाते हैं। ऐसे में लॉटरी के जरिए बच्चों के नाम निकालकर दाखिला दिया जाता है। इधर प्रवेश के लिए एप्रोच करने वालों की भी लंबी फेहरिस्त रहती है। हालांकि लॉटरी निकालकर प्रक्रिया पारदर्शिता से होने का हवाला दिया जाता है।
बोर्ड परीक्षा दिलाने वालों को करना होगा इंतजार इनमें 11वीं क्लास में एडमिशन चाहने वाले विद्यार्थी भी आवेदन कर सकेंगे। ऐसे में इस साल बोर्ड एग्जाम देने वाले 10वीं के विद्यार्थियों को इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि अभी रिजल्ट आने में समय है। रिजल्ट आने के बाद भी पता चलेगा कि पास हुए हैं फेल। हालांकि शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि अगर बच्चे को यकीन है कि वे पास हो जाएंगे तो आवेदन कर सकते हैं। एडमिशन के समय दस्तावेज जमा करने होते हैं। ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।