
असली नोट को स्कैन कर प्रिंटर से बनाते थे नकली नोट
जांजगीर-चांपा. बाराद्वार पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों से बुधवार को ९० हजार रुपए का नकली नोट, प्रिंटर, स्कैनर, कटर सहित अन्य सामान जब्त किया है। तीन युवक मिलकर हाईटेक तरीके से कंप्यूटर प्रिंटर के माध्यम से ओरिजनल नोट को स्कैन कर असली नोट की तरह नकली नोट बनाने का काम करना शुरू किया था। नोट खपाने से पहले ही वे बाराद्वार पुलिस के हत्थे चढ़ गए। गिरोह के सदस्यों से पुलिस ने ग्राहक बनकर सौदा किया था और डूमरपारा के पास पकड़ा। आरोपियों को पुलिस ने जुर्म दर्ज कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है।
एएसपी पंकज चंद्रा ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि बाराद्वार थानांतर्गत ग्राम डूमरपारा के पास कुछ युवक नकली नोट खपाने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ग्राहक बनकर सौदा तय करने पहुंची। घेराबंदी कर पुलिस मौके पर पहुंची और संदेही डांगसरा सारंगढ़ निवासी मयंक प्रताप साहू उर्फ गोलू पिता सेवाराम एवं उसका साथी हसौद निवासी लक्ष्मीनारायण साहू पिता पंचराम को हिरासत में लिया। दोनों तो पहले नानुकुर कर रहे थे। बाद में कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपने कब्जे में नकली नोट रखना स्वीकार किया।
मयंक के कब्जे से पुलिस ने पांच-पांच सौ के सौ नोट यानी ५० हजार रुपए, लक्ष्मीनारायण के कब्जे से २५ हजार के नकली नोट जब्त किया। दोनों के कब्जे से ७५ हजार के नकली नोट मिले। पूछताछ के दौरान मयंक साहू ने बताया कि वह पूर्व में भी नकली नोट बनाने का काम करता था और महासमुंद जिले में पकड़ा गया था। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने साथी सेमरापाली सारंगढ़ निवासी यादराम सिदार के साथ मिलकर नकली नोट बनाने का काम सीखा है।
तीनों मिलकर यादराम सिदार के घर नकली नोट बनाने का काम करते थे। पुलिस ने यादराम के घर दबिश देकर कलर स्केनर, प्रिंटर, दस्ता पेपर, स्केल, कटर, कांट की प्लेट, नगदी १५ हजार के नकली नोट जब्त किया है। आरोपियों के खिलाफ धारा ४८९ क, ग, घ, ड, ३४ के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। उक्त कार्रवाई में एसडीओपी उदयन बेहार, बाराद्वार थाना प्रभारी राजकुमार लहरे, प्रआ. संतोष तिवारी, यशवंत राठौर, श्याम ओगे्र, क्राइम ब्रांच प्रभारी मुकेश पांडेय एवं उनकी टीम का योगदान था।
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ऐसे बनाते थे नोट
एएसपी पंकज चंद्रा ने बताया कि नोट बनाने वाला गिरोह एकदम आसान तरीके से नकली नोट बनाते थे। वे पहले अच्छी क्वालिटी का पेपर इस्तेमाल करते थे। प्रिंटर के माध्यम के वे पहले असली नोट को स्कैन करते थे फिर उसी साइज में नोट तैयार करते थे। पकड़ा गया नोट एक ही सिरीज था। क्योंकि वे एक दो नोट को ही स्कैन कर नकली नोट बनाते थे।
महासमुंद का है मास्टरमाइंड
नोट बनाने में मास्टरमाइंड मयंक प्रताप साहू को महारथ हासिल था। वह पहले भी महासमुंद जिले में नकली नोट बनाते पकड़ा गया था। उसने बताया कि वह पहले कई बार इस तरह के नोट बना चुका है और बाजार में खपा चुका है। इस बार जिले में पहली बार नोट खपाने के फिराक में पकड़ा गया।
लहरे को मिली दूसरी कामयाबी
जिले के सब इंस्पेक्टर राजकुमार लहरे को नकली नोट पकडऩे में काफी सफलता मिली है। इससे पहले भी जिले में नकली नोट खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। इससे पहले वे जैजैपुर थाना क्षेत्र में जुलाई २०१७ में नकली नोट बनाने वाले गिरोह के नौ आरोपियों को पकड़ा था। उनसे 21 लाख रुपए के नकली नोट जब्त किया था।
Published on:
17 Oct 2018 04:34 pm
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