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चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरा बेकार, जिम्मेदार अधिकारियों ने भी मूंद ली अपनी आंखें

शहर असुरिक्षत : सीसीटीवी कैमरा(CCTV Camera) सालभर से ज्यादा समय से खराब, मेंटनेंस(Maintenance) कराने पहल तक नहीं की जा रही है

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शहर असुरिक्षत : सीसीटीवी कैमरा सालभर से ज्यादा समय से खराब, मेंटनेंस कराने पहल तक नहीं की जा रही है

चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरा बेकार, जिम्मेदार अधिकारियों ने भी मूंद ली अपनी आंखें

जांजगीर-चांपा. शहर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए करीब ढाई साल पहले प्रशासन-पुलिस की पहल पर कचहरी चौक और नेताजी चौक को सीसीटीवी कैमरे(CCTV Cameras) से कैद किया गया था। आटोमेटिक ट्रैफिक सिंग्नल(Automatic traffic signal) के अलावा बिजली खंभों में सीसीटीवी कैमरे(CCTV Cameras) लगाए गए थे। नेट कनेक्टिविटी के जरिए सभी चौराहों के सीसीटीवी कैमरों(CCTV Cameras) को कंट्रोल रूम से जोड़ा गया था। जहां बड़ी एलईडी स्क्रीन(Led Screen) पर इन चौराहों की हर गतिविधियां कैद हो रही थी। मगर करीब सालभर से ज्यादा समय से ये कैमरे(Camera) बंद खराब पड़ेे हैं। इन कैमरों की मेंटनेंस कराने जिम्मेदार विभाग के लोग आंख मूंदे बैठे हैं और तीसरी आंख से चौकसी बंद है।
शहर में चौराहों पर अपराधियों व बदमाशों की वारदातों को कैद करने के उद्देश्य से इन कैमरों को लगाया गया था। नेताजी चौक से लेकर कचहरी चौक शहर का सबसे व्यस्ततम इलाका है। इन इलाकों में सुरक्षा को ध्यान में रखकर सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया था। ताकि इन इलाकों में अगर कोई अपराध होता है या अपराधी किसी घटना को अंजाम देकर इन चौराहों से होकर गुजरते हैं तो आरोपयिों को ट्रेस करने में पुलिस को काफी मदद मिलती। लेकिन मेंटनेंस के अभाव में यह सिस्टम फ्लाप साबित हो रहा है। वर्तमान में अगर किसी प्रकार भी घटना होती है तो पुलिस के पास सुराग के नाम पर कोई फुटेज तक नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि जब कभी भी ऐसी स्थिति बनती है तो पुलिस दुकानों के सामने लगाए गए निजी सीसीटीवी कैमरे के भरोसे हो जाती है।

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धूल खा रहा एलईडी स्क्रीन
शहर के चौराहों पर ऑनलाइन (लाइव) निगरानी के लिए यातायात थाना में कम्प्यूटर सिस्टम लगे थे।यहां एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी लेकिन स्क्रीन में अब शहर के प्रमुख चौराहों की गतिविधियां नहीं दिखती। बल्कि एलईडी स्क्रीन शो पीस की तरह रखी हुई है।

होर्डिंग्स व बैनर-पोस्टर टांग देते थे
उल्लेखनीय है कि शहर का प्रमुख इलाका होने से आए दिन यहां बैनर-पोस्टर और होर्डिंग्स लगते रहते हैं। कई बार ऐसी स्थिति बनी कि कैमरों के सामने ही बैनर-पोस्टर लगा दिए जाते हैं जिससे स्क्रीन में बैनर-पोस्टर दिखता था। बैनर-पोस्टर लगाने के फेर में कई बार कैमरे का केबल निकलने की तो कई बार कैमरा ही खराब कर दिया गया। वहीं न तो ऐसे लोगों पर किसी प्रकार की मनाही की गई और न ही मेंटनेंस कराने ध्यान दिया गया।

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रेलवे स्टेशनों के सामने कैमरे लग ही नहीं पाए
नेताजी चौक और कचहरी चौक के बाद नगर के रेलवे स्टेशन के सामने भी हाईटेक सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना पर काम चल रहा था लेकिन अब तक कैमरे नहीं लग पाए। जिला मुख्यालय जांजगीर में रेल सुविधा होने के कारण चोरी, डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम देकर आरोपी रात में ही फरार हो जाते हैं। जब तक पुलिस अपनी जांच शुरू करती है, तब तक आरोपी जिले से बहुत दूर निकल गए होते हैं। किसी प्रकार की कोई पहचान नहीं होने के कारण पुलिस आरोपियों तक पहुंच नहीं पाती है।

किसी प्रकार का अपराध घटित होने के बाद अपराधियों की तलाश में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ती है, कैमरे लगने से घटना समय से लेकर उसके पहले और बाद शहर में आने व बाहर जाने वाले लोगों के यदि पैदल हैं तो चेहरे और वाहनों में होने पर उसके वाहनों के नंबर तक ट्रेस कर सकते।
नेताजी चौक और कचहरी चौक में लगे आटोमैटिक ट्रैफिक सिग्नल में सीसीटीवी लगाए गए हैं मगर इनका संचालन का जिम्मा साइबर सेल करती है। इस संबंध में वे ही बता पाएंगे।
शिवचरण परिहार ट्रैफिक डीएसपी जांजगीर चांपा