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CG Assembly Elections : चुनावी माहौल में पामगढ़ जनपद सीईओ की चर्चा गर्म, आखिर क्या है वजह, पढि़ए खबर…

- चुनाव के समय ही करा लेते हैं अपने गृह जनपद में तबादला - लोगों में विशेष पार्टी को लाभ पहुंचाने की चर्चा

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CG Assembly Elections : चुनावी माहौल में पामगढ़ जनपद सीईओ की चर्चा गर्म, आखिर क्या है वजह, पढि़ए खबर...

CG Assembly Elections : चुनावी माहौल में पामगढ़ जनपद सीईओ की चर्चा गर्म, आखिर क्या है वजह, पढि़ए खबर...

पामगढ़. चुनावी दौर में जितनी जोरों से चर्चा जिले की पामगढ़ विधानसभा को लेकर है उतनी ही गर्म चर्चा यहां नव पदस्थ जनपद सीईओ पामगढ़ डीएस यादव को लेकर है। दरअसल यादव नगर पंचायत खरौद के मूल निवासी है, जो कि पामगढ़ जनपद के अंतर्गत है। ऐसे में पामगढ़ जनपद पंचायत उनका गृह जनपद कहलाएगा और उनको लेकर नगरवासियों में चर्चा है कि वह सिर्फ चुनाव के समय ही यहां अपना तबादला करवाते हैं, जिससे कि वह किसी पार्टी विशेष को लाभ पहुंचा सके। इसमें जो आरोप यादव पर लग रहा है वही आरोप शासन प्रशासन पर बैठे अधिकारियों पर भी लग रहा है, क्योंकि नियम के मुताबिक कोई भी शासकीय अधिकारी अपने गृह जिले में पदस्थ नहीं हो सकता तो फिर जनपद में पदस्थ करना किसी विशेष मनसूबे की ओर इशारा करता है।

अब हम आपको पामगढ़ जनपद सीईओ डीएस यादव के पिछले कार्यकाल के बारे में बता दें। यादव अभी हाल ही में जिला पंचायत जांजगीर कार्यालय से स्थानांतरण के बाद पामगढ़ आए हैं। जिला पंचायत से पहले वह साल 2012 से 2015 तक पामगढ़ सीईओ रहे हैं और उसी दौरान पामगढ़ विधानसभा का चुनाव था, जिसमें उन्होंने अपने पद में रहते हुए सक्रिय भूमिका निभाई थी।

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क्षेत्र के लोगों व कई दलों के नेताओं का कहना है कि ऐसा करना गलत है और उन्हें आशंका है कि यादव इस बार भी चुनाव में किसी विशेष पार्टी के लिए भूमिका अदा कर सकते हैं और यह चुनाव नियमों के विपरीत है। यहां के लोगों की मांग है कि यादव को चुनाव के दौरान जिले से बाहर या फिर पामगढ़ विधानसभा से काफी दूर जिले की दूसरी विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरण करना चाहिए।

पामगढ़ में अन्य कई लोग भी पदस्थ
पामगढ़ जनपद में अकेले जनपद सीईओ ही गृह जनपद के नहीं है बल्कि यहां कर्ई ऐसे कर्मचारी और अधिकारी हैं जो यहीं के मूल निवासी हैं और विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने वाले हैं। पार्टी नेताओं की मानें तो पामगढ़ में महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी मीरा घाघटे और सुपरवाइजर श्यामा कंवर पामगढ़ जनपद की मूल निवासी हैं। इसके अलावा पामगढ़ सचिव सकुन कुमार साहू जो कि पिछले दस साल से यहीं पदस्थ हैं। अन्य की बात करे तो बीईओ के बाबू मलिकराम जांसन सहित अन्य लोग शामिल हैं।

जिले में भी दर्जनों की संख्या में अधिकारी कर्मचारी पदस्थ
विधानसभा की बात छोड़़ें तो जिला मुख्यालय जांजगीर में भी दर्जनों ऐसे अधिकारी कर्मचारी हैं, जो कि गृह जिले में कई सालों से अंगद की पैर जमाकर बैठे हुए हैं और उनकी पहुंच के आगे शासन प्रशासन कमजोर पड़ जा रहा है। यही कारण है कि वह लोग खुलेआम दावा कर रहे हैं कि उनका कोई स्थानांतरण नहीं करवा सकता है।

-राज्य सरकार का नियम है कि चुनाव के दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को उसके गृह जिले में पदस्थ नहीं करना है, लेकिन पामगढ़ सीईओ दो-दो बार से यहीं पदस्थ हैं, जो कि किसी विशेष मंशा के तहत किया गया है। मैं इसका विरोध करती हूं और मांग करती हूं कि र्निविवाद चुनाव के लिए उनका तबादला जिले से बाहर किया जाए- पुष्पा पाटले, प्रदेश सचिव, महिला कांग्रेस

-पामगढ़ में यादव के साथ ही साथ अन्य कई अधिकारी भी है जो कि गृह जनपद के निवासी है और अधिक से अधिक चुनाव को प्रभावित करने वाले हैं। इसकी शिकायत भी कलेक्टर से की जाएगी- सूर्यकांत केसीए विधानसभा अध्यक्ष, युवा जनता कांग्रेस पामगढ़

-गृह विधानसभा तो दूर गृह जिले में भी शासकीय कर्मचारी या अधिकारी की पदस्थापना गलत है। इन सभी को हटाने के लिए हम लोग निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपेंगे- रोहित डहरिया, जिलाध्यक्ष, बसपा

-मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। ऐसा करना गलत है। इसके लिए कलेक्टर जिम्मेदार है कि वह किसे कहां पदस्थ करवाता है- अंबेश जांगड़े, संसदीय सचिव, छग शासन