
CG News: नवरात्रि के साथ ही त्यौहारी सीजन की शुरूआत हो चुकी है। बाजार में जहां एक ओर लोग खरीदी के लिए पहुंचेंगे वहीं दूसरी ओर खाद्य सामाग्री की खरीदी भी जोरों से होगी। ऐसे में लोग स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खाद्य सामाग्री की जांच की जिमेदारी खाद्य व औषधी विभाग की रहती है। यहां से तो खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट राजधानी भेजी जाती है लेकिन डेढ़ से दो महीने के बाद रिपोर्ट आ रही है।
ऐसे में मिलावटखोरी नहीं रोका जा रहा है। साथ ही खाद्य पदार्थ फेल होने की स्थिति में आम लोगों के पेट में चला जाता है। इससे खराब सामाग्री को बाजार में बिकने से रोका नहीं जा सका है। अब तक रक्षाबंधन में लिए गए नमूने की जांच रिपोर्ट तक नहीं आ पाई है। विडंबना यह है कि जिस शराब को हम खराब मानते हैं वह शराब भी सरकार द्वारा और घटिया स्तर की बेची जा रही है। जिस शराब की जांच की गई उसमें माईक्रो पार्टिकल मिला है। जो सेहत के लिए जानलेवा है। रायपुर स्थित लैब में इस बात का खुलासा हुआ है।
खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने भले ही सरकार द्वारा सैपलिंग कराकर पदार्थों की जांच कराई जाती है। जांच रिपोर्ट में सैंपल फेल होने पर संबंधित पर जुर्माना या अन्य कार्रवाई भी होती है, लेकिन जिले में लिए जाने वाले सैंपलों की रिपोर्ट देरी से मिल रही है। त्यौहारी सीजन पर मावा व मिठाईयों के ताबड़तोड़ सैंपल तो लिए जाते हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट त्यौहार निकलने के बाद आती है। अगर सामाग्री मिलावटी हो तो उसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता तय है।
खाद्य सुरक्षा टीम ने इस साल जनवरी से अब तक 9 माह में 3 से जिलेभर की खाद्य दुकानों पर सैपलिंग की कार्रवाई की है। जिसमें करीब 245 खाद्य सामाग्री की सैंपल कर जांच के लिए रायपुर स्थित राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजे गए। जिसमें अब तक होली तक जांच रिपोर्ट ही सामने आ पाई है। इसमें भी कुछ रिपोर्ट पिछले साल का शामिल है। रक्षाबंधन में लिए खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। जबकि रक्षाबंधन को गुजरे डेढ़ माह हो गया है। समय मेें खाद्यपदार्थों की रिपोर्ट का पता चल जाने पर लोग जागरूक होते।
बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में एकमात्र लैब प्रयोगशाला राजधानी में है। जहां पूरे प्रदेश की खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है। साथ ही बताया जा रहा है कि इस लैब में एकमात्र लैब एनालिस्ट पदस्थ है। एकमात्र लैब एनालिस्ट के भरोसे पूरे प्रदेश खाद्य पदार्थों की जांच का जिमा है। वो भी एकमात्र लैब एनालिस्ट कांटेक्ट बेस में है। रिटायर के बाद काम लिया जा रहा है।
होली के पहले 50 से 60 सैंपल लिए गए थे। जांच रिपोर्ट में कई फेल निकला है। इसमें एक रीत होटल में वेज बिरयानी अवमानक निकला है। साथ ही राहौद देशी शराब दुकान से नमूना लिया गया था। यहां भी देशी शराब अमानक निकला है। देशी शराब में छोटे छोटे माइक्रो पार्टिकल मिला है। ऐसे में लोग अगर देशी शराब पी रहे हं तो सावधान हो जाओ। दोनों को एडीएम कोर्ट लगाया गया है। जहां से जुर्माना लगाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जिले से जो भी सैंपल लिए जाते हैं। उन्हें जांच के लिए रायपुर भेजा जाता है। जिसकी जांच रिपोर्ट 15 दिन में आ जानी चाहिए, लेकिन डेढ़ से दो माह बाद जांच रिपोर्ट आती है। वहीं त्यौहारों के समय सैंपलों की संया में वृद्धि होने के कारण जांच रिपोर्ट में दो से अधिक समय लग जाता है। देरी का फायदा मिलावटखोर त्यौहारी सीजन में उठा जाते हैं। मिलावट कर सामाग्री को खपाकर अधिक राशि वसूल कर ली जाती है।
लगातार जिले में खाद्य सामाग्री की जांच कर रहे हैं। परीक्षण केन्द्र से रिपोर्ट आने में देरी होती है। जांच रिपोर्ट आने के बाद फेल होने की स्थिति में कोर्ट में केस लगाया जाता है।
अपर्णा आर्या, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
Published on:
26 Sept 2025 04:09 pm
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