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वाह रे सीएमओ… चारसौबीसी का रिपोर्ट लिखाने चपरासी को भेज दिया कोतवाली

आरकेआर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के लिए आ रहा पसीना

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आरकेआर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के लिए आ रहा पसीना

आरकेआर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के लिए आ रहा पसीना

जांजगीर-चांपा. नगरपालिका के कर्मचारी किस कदर लापरवाह हैं इसका जीता जागता उदाहरण इन दिनों आरकेआर स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है।

आरकेआर स्कूल संचालक ने नगरपालिका के सरकारी भूमि पर बिना अनुमति लिए मकान निर्माण करा दिया और नगरपालिका सीएमओ उन कार्रवाई के लिए हीलाहवाला कर रहे हैं। पहले तो स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ सुशील शर्मा तहसीलदार की शरण में गए और अब वे कोतवाली का चक्कर लगा रहे हैं।

हद तो तब हो गई जब चारसौबीसी की रिपोर्ट लिखाने एक सादे कागज में लिखकर पत्रवाहक को कोतवाली भेज दिया। कोतवाली पुलिस इस सादे कागज तो कोने में रख दिया है। पुलिस का कहना है कि चारसौबीसी की रिपोर्ट के लिए पर्याप्त दस्तावेजों की जरूरत है। तभी जुर्म दर्ज किया जा सकता है। इसके बाद सीएमओ न तो आगे की प्रक्रिया शुरू की और न ही अन्य कार्रवाई। अलबत्ता आरकेआर स्कूल बिना बुनियाद की बिल्डिंग में स्कूल संचालन कर रहा है। वहीं नगरपालिका जगहसाई का पात्र बना हुआ है।


किसी भी मामले में चारसौबीसी की रिपोर्ट लिखाने के लिए कौन कौन सा दस्तावेज लगता है इसकी जानकारी शायद नगरपालिका सीएमओ को नहीं है। ताजा मामला आरकेआर स्कूल संचालन का है।

दरअसल आरकेआर स्कूल संचालक ने कूटरचना कर सरकारी भूमि में आलीशान स्कूल बिल्डिंग तान दी है। नगरपालिका सीएमओ के मुताबिक किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा १२ जून २०१८ को नगरपालिका रजिस्टर के जावक क्रमांक २६७/५४१ कें दर्शाते हुए तहसीलदार को संबोधित कर पात्रका संबंधी जानकारी दिए जाने बाबत ममता सिंह पिता नेम सिंह क्षत्री के नाम मिथ्या जानकारी तैयार कर अवैध हस्ताक्षर किया है।

जो जालसाजी के दायरे में आता है कहकर कोतवाली थाने का पत्र लिया है। वहीं कोतवाली पुलिस का कहना है कि किसी के खिलाफ जालसाजी की रिपोर्ट लिखाने के लिए पर्याप्त दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है और नगरपालिका का जिम्मेदार व्यक्ति ही ऐसे गंभीर मामले की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है, लेकिन नगरपालिका सीएमओ ने एक पत्रवाहक कर्मचारी को एक सादे कागज में लिखकर एफआईआर के लिए भेज दिया है।

कोतवाली पुलिस ने पत्रवाहक का पत्र लेकर सुरक्षित रख लिया है, लेकिन चारसौबीसी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। ऐसे में साफ जाहिर होता है कि नगरपालिका सीएमओ आरकेआर स्कूल संचालक के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने न केवल हीलाहवाला कर रहा है बल्कि उसे स्कूल संचालन के लिए खुली छूट दे दी है।


यह है पूरा मामला
छात्रों की फीस के बल पर किसी तरह अवैध कार्य करते हैं इसकी बानगी आरकेआर स्कूल संचालक से देखी जा सकती है। दरअसल आरकेआर स्कूल ने रातों रात शांतिनगर जांजगीर के सरकारी भूमि में स्कूल बिल्डिंग तान दी। संचालक ने न तो नगरपालिका से मकान निर्माण की अनुमति ली और न ही उसे राजस्व अफसरों का खौफ रहा। हद तो तब हो गई जब डीईओ को भी अंधेरे में रखकर पुरानी बिल्डिंग को शोकर मान्यता और अनुमति दे दी।

शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर आंख मूंदकर उसे अनुमति भी दे दी। दिलचस्प बात यह है कि आधे अधूरे भवन में सैकड़ो बच्चों की जान जोखिम में डालकर स्कूल का संचालन भी कर रहा है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर नगरपालिका सीएमओ, जिला शिक्षा अधिकारी व राजस्व विभाग के अफसर जग हसाई के पात्र बने हुए हैं। तीनों विभाग के अफसर मिलकर भी आरकेआर स्कूल संचालक के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।


-आरकेआर स्कूल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए नगरपालिका सीएमओ पत्रवाहक को सादे कागज में लिखकर भेजा था। यह कागज पर्याप्त नहीं है।चारसौबीसी की रिपोर्ट दर्ज के लिए पर्याप्त कागजात चाहिए और एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा रिपोर्ट करानी चाहिए।
-पंकज चंद्रा, एएसपी


-आरकेआर स्कूल संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पत्रवाहक को भेजा गया था। अब रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पाई है। आगे की जानकारी ली जाएगी।
-सुशील चंद शर्मा, सीएमओ