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जुलाई में शुरू हो जानी थी लैब, अब तक पूरा नहीं हुआ निर्माण और निकाल ली गई पूरी राशि

स्कूल के विद्यार्थी अभी तक लैब में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।

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जुलाई में शुरू हो जानी थी लैब, अब तक पूरा नहीं हुआ निर्माण और निकाल ली गई पूरी राशि

जुलाई में शुरू हो जानी थी लैब, अब तक पूरा नहीं हुआ निर्माण और निकाल ली गई पूरी राशि

जांजगीर-चांपा. भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2014-15 से अब तक व्यावसायिक पाठ्यक्रम की स्वीकृति देते हुए 391 विद्यालयों में आईटी, रिटेल, आटोमोबाइल, हेल्थकेयर, बीएफएसआई, एग्रीकल्चर एवं मीडिया एंड इंटरटेंमेंट, टेलीकॉम ट्रेड में लैब निर्माण करने का आदेश दिया था। इसके तहत 25 विद्यालयों में लैब निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और 366 विद्यालयों में लैब निर्माण किया जाना है। यह सभी लैब जून 2018 तक बन जाने हैं, जिससे स्कूल के विद्यार्थी अभी तक लैब में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इसे लेकर स्कूल के प्रचाार्य कई बार मौखिक शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन इस ओर सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। उच्चाधिकारियों की रहम पर निर्माण कार्य का ठेका लेने वाली एजेंसी मलाई खा रही हैं और विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं।

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प्रबंध संचालक राज्य माध्यमिक शिक्षा मिशन छत्तीसगढ़ शासन ने 16 मार्च 2018 को पत्र जारी कर आदेशित किया है कि तीन माह के अंदर सभी स्कूलों में ट्रेड के मुताबिक लैब बनकर तैयार करना है। लैब का निर्माण टेंडर धारक को निविदा शर्तों के मुताबिक स्पेशिफिकेशन के मुताबिक एक मॉडल लैब की तर्ज पर करना है, लेकिन ऐसा न करके सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

बाहर की कंपनियों को मिला है टेंडर
राज्य में लैब निर्माण करने का टेंडर राज्य के बाहर की कंपनियों को दिया गया है। इन कंपनियों ने निर्माण का कार्य राज्य के अलग-अलग लोगों को सौंप दिया है, जो कि अपने मनमुताबिक कार्य कर रहे हैं। लैब का निर्माण करने वाले अखिलेश तिवारी का कहना है कि लैब के निर्माण में सिविल वर्क, आईटी वर्क, इलेक्ट्रिक वर्क सभी का अलग-अलग टेंडर है। इसके लिए सात अलग-अलग कंपनियों ने टेंडर लिया है। जैसे सिविल वर्क व हेल्थ केयर का टेंडर दिनेश साहू, आईटी का इंदौर एमएम बारा, टेलीकॉम का अभिषेक और बैंकिक की लैब बनाने का टेंडर अंबाला की कंपनी को मिला है।

नियम व शर्तें
1. हर ट्रेड के लिए अलग-अलग कक्ष होना अनिवार्य।
2. प्रत्येक ट्रेड का स्पेशिफिकेशन फार्मेट भी शासन द्वारा दिया गया है।
3. सामग्री पहुंचाने के बाद संबंधित प्राचार्य व व्यावसायिक प्रशिक्षक की सत्यापन कॉपी जमा करनी होगी।
4. पूरा लैब तभी तैयार माना जाएगा, जब वह स्पेशिफिकेशन के मुताबिक बनकर तैयार हों।
5. लैब के लिए दी जाने वाली सामग्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित संस्था के प्राचार्य की होगी।
6. टेंडर धारक तीन साल के अंदर खराब होने या टूट होने वाली सामग्री को रिप्लेस करेगा।
7. लैब शुरू होने के तीन माह तक जो भी सामग्री की आवश्यकता होगी इसकी सप्लाई टेंडर धारक करेगा।
8. प्रत्येक लैब में 320 वर्ग फिट की विनायल फ्लोरिंग, 1100 वर्ग फिट का पेंटिग कार्य, विद्युतिकरण कार्य, 300 वर्ग फिट की फॉल सिलिंग, तीन बाई दो की दो नग डोरमेट, ग्लास डोर आलमीरा दिया जाना है।

मैं सिविल वर्क देख रहा हूं, इसका पूरा काम कर लिया गया है। रही बात अन्य कार्य की वह अलग-अलग एजेंसियों को टेंडर दिया गया और वह लोग उसे करेंगे- अखिलेश तिवारी, लैब निर्माणकर्ता

हमारे यहां कंप्यूटर व हेल्थ की लैब बनाई जानी है। अभी तक पूरा कार्य नहीं हुआ है। आधा-अधूरा काम करके लोग चले गए हैं, पूछने पर उनके द्वारा काम करना पूरा बताया जा रहा है। इससे बच्चों को प्रैक्टिकल कराने में परेशानी हो रही है- आरके गिडवानी, प्राचार्य, हायरसेकंडरी स्कूल, पंतोरा बलौदा

प्राचार्यों ने लिखकर दिया है कि लैब बन गई है। यदि अधूरा निर्माण हुआ है तो इसकी जांच कर निर्माणकर्ता को नोटिस दिया जाएगा- जीपी भास्कर, डीईओ, जांजगीर