
CG News: जिला प्रशासन का अल्टीमेटम भी बेअसर, स्कूल जतन योजना का काम अधूरा
जांजगीर-चांपा। CG News: जिले में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत 522 कामों की मंजूरी शासन के द्वारा दी गई है। इनमें पुराने स्कूल भवनों की मरम्मत के अलावा अतिरिक्त कक्ष निर्माण का काम शामिल हैं। समय पर भवन निर्माण नहीं होने पर छात्रों को जर्जर भवन में तालीम लेनी पड़ रही है।
भवन निर्माण के लिए करोड़ों रुपए स्वीकृत किए गए हैं और नगरीय निकायों में नगरपालिका और ग्रामीण क्षेत्रों अंतर्गत होने वाले कार्यों के लिए निर्माण एजेंसी आरईएस को बनाया गया है। लेकिन शुरूआत से ही योजना में काम कराने निर्माण एजेंसियों के द्वारा उदासीनता बरती गई। इसको देखते हुए कलेक्टर जांजगीर-चांपा के द्वारा हर टीएल बैठक में निर्माण एजेंसियों को समय पर काम पूरा कराने निर्देशित किया गया।
साथ ही 30 सितंबर तक योजना के संबंधित सभी कार्यों को पूरा करने अल्टीमेटम भी दिया गया। आदेश पर काम में तेजी तो आई मगर शुरूआत से ही बरती गई ढिलाई के चलते दिए गए अल्टीमेटम में काम पूरा नहीं हुआ। अब स्थिति यह है कि नवंबर माह का दूसरा पहला भी बीतने वाला है। लेकिन अभी भी कई जगहों पर काम की नींव तक नहीं रखी जा सकी है।
शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि काम शिक्षा विभाग का है लेकिन काम की पूरी जिम्मेदारी आरईएस और नगरीय निकायों को दे दी गई है। वहीं काम पूरा करा रहे हैं और समय-समय पर हमें जानकारी उपलब्ध कराते हैं। जिला प्रशासन के निर्देश के बाद योजना के तहत अब काम अच्छा है। जीर्णोद्धार का काम लगभग पूर्ण हो चुका है। 80 अतिरिक्त कक्ष भी पूर्ण हो चुके हैं। बाकी जगह काम निर्माणाधीन है।
40 निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाए
इधर में अतिरिक्त कक्ष के करीब 40 निर्माण कार्य ऐसे हैं जो अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। इसके लिए संबंधित विभाग के कई तरह की दलीलें है कि ज्यादातर काम उचित स्थल नहीं मिलने के कारण शुरू नहीं हो पाए हैं तो कई जगहों पर अन्य तकनीकी परेशानियां आ रही है। इधर अब आधार संहिता लग चुकी है। ऐसे में यह काम अब आचार संहिता हटने के बाद ही शुरू हो पाने के आसार नजर आ रहे हैं।
उदासीनता के चलते शोकॉज नोटिस भी जारी
इधर मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में उदासीनता के चलते जांजगीर डीईओ को डीपीआई से कारण बताओ नोटिस भी जारी हो चुका है। 3 नवंबर को जारी आदेश में योजना के तहत स्वीकृत कार्यों की जानकारी मांगी गई थी जो उपलब्ध नहीं कराने का हवाला देते हुए उदासीनता और लापरवाही माना है और 9 नवंबर तक जवाब मांगा गया था। हालांकि इस मामले में डीईओ भारती वर्मा का कहना है कि उन्होंने तत्काल उसी दिन ही अपना जवाब भी भेज दिया गया था कि तकनीकी त्रुटि के चलते करीब 4 स्कूलों के नाम पोर्टल में नजर नहीं आ रहे थे। ऐसे में स्वीकृत कार्यों में मिलान नहीं हुआ था जो अब पूर्ण हो गया है। कोई बड़ा इश्यु नहीं था।
Published on:
11 Nov 2023 12:53 pm
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