जांजगीर-चांपा. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सह शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय ग्राम नरियरा में संचालित चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई है। यहां पदस्थ डॉक्टरों की ड्यूटी अकलतरा व अन्य शासकीय शिविरों में होने के कारण डॉक्टर यहां दो हफ्तों से नहीं पहुंची है। यहां पदस्थ डॉ. श्रेया दीक्षित आयुर्वेद चिकित्सा होने के साथ-साथ वे बाकी सभी मरीजों को डॉक्टर नहीं होने से देख-रेख करते हैं। ऐसे में यहां एक स्टॉफ है जो कि डिलवरी के मरीज रोजाना यहां दो से तीन पेसेंट पहुंचते हैं, तो उनकी देखरेख में वे लग जाते हैं। एक स्टाफ नर्स की यहां बहुत जरूरी है।
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अकलतरा ब्लाक के सबसे बड़े ग्राम पंचायत नरियरा में रहने को तो एक डॉक्टर हैं, लेकिन वे भी सरकारी शिविरों में ड्यूटी लगने से वे भी नहीं पहुंच पा रहे है। ऐसे में मरीजों को देखने के लिए यहां एक डॉक्टर की अत्यावश्यक है। दो हफ्तों से डॉक्टर की ड्यूटी अकलतरा में लगाई गई है। इसके चलते डॉक्टर यहां पर नहीं पहुंच पा रहे है। एक ही स्टाफ नर्स होने के कारण मरीजों को इंजेक्शन लगाने के लिए नर्स को बार-बार मरीज व डिलवरी पेंसेंट को देखेने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि यहां इतने बड़े गांव होने के चलते एक डॉक्टर व दो स्टॉफ नर्स जरूरी है।

डॉक्टर व स्टाफ नर्स की जरूरत
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सह शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय ग्राम नरियरा में संचालित चिकित्सा व्यवस्था एक स्टाफ नर्स के भरोसे चल रही है। ऐसे नर्स को किसी काम के लिए छुट्टी जरूरी पड़ती है, तो उसे छुट्टी भी नहीं मिल पाती। एक और स्टाफ नर्स की पदस्थापना की जाती है तो मरीजों की देखभाल के लिए परेशानी नहीं होगी। यहां डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर की ड्यूटी दूसरे जगह नहीं लगाई जानी चाहिए।