आईएम के जिला अध्यक्ष डॉ. पीसी जैने ने बताया कि डॉक्टर का प्रथम कर्तव्य होता है कि मरीज की जान बचाना। ऐसे कार्य करने के बाद भी यदि डॉक्टर की पिटाई हो तो यह दुर्भाग्य है। डॉक्टर जैन ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के सरकार ने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट कानून बनाया है, लेकिन सेवा कार्य करने वाले डॉक्टर आए दिन पिट रहे हैं और उन्हें सरकार प्रोटेक्शन नहीं दे रही है। बीते दिवस डॉ. मोदी की पिटाई मामले ने डॉक्टरों को हैरान कर दिया है। इसके लिए इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के पदाधिकारी शनिवार की रात नौ बजे एक होटल में एकजुट हुए और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर चिंता व्यक्त की।
राजस्व अफसर को भनक तक नहीं लगती, इधर कब्जाधारी शासकीय भूमि पर तान देते हैं मकान उन्होंने कहा कि डॉक्टर मोदी की पिटाई मामले में पुलिस ने 10 दिन बाद भी आरोपी के खिलाफ किसी तरह का एक्शन नहीं लिया। जबकि वे एसपी नीतु कमल के पास न्याय की गुहार के लिए उनसे मिले थेए लेकिन आज तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। इससे पूरा स्वास्थ्य जगत शर्मसार है।
आईएमए दिल्ली के सदस्य डॉ. एचपी शराफ ने कहा कि पुलिस केवल हवा में हाथ पांव मार रही है, जिसे देखते हुए डॉक्टर एकजुट हो रहे हैं और आने वाले दिनों में हड़ताल की रूपरेखा बना रहे हैं। बैठक में डॉ. प्रदीप नरूला, संघ के सचिव डॉ. संदीप साहू, डॉ. विनोद पालीवाल, डॉ. अशोक पालीवाल, डॉ. केआर सिंह शामिल शामिल थे।
यह था मामला
गौरतलब है कि 21 अगस्त की रात नवागढ़ क्षेत्र के बुड़ेना निवासी अमरजीत पिता शांति लाल (33) की तबीयत खराब होने से उसे जांजगीर के डॉ. संतोष मोदी क्लीनिक में भर्ती कराया गया था। संतोष मोदी ने मरीज का उपचार किया, पर उसकी स्थिति में सुधार नहीं होते देख उसे सिम्स रेफर किया था। सिम्स ले जाते वक्त मरीज की रास्ते में मौत हो गई। मृतक के परिजन डॉ. मोदी क्लीनिक के पास शव लेकर पहुंचे और डॉक्टर मोदी पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए उसकी जमकर पिटाई कर दी थी। पिटाई के बाद डॉ. मोदी ने मामले की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई थी।