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राजस्व अफसर को भनक तक नहीं लगती, इधर कब्जाधारी शासकीय भूमि पर तान देते हैं मकान

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 02, 2018 06:52:50 pm

Submitted by:

Shiv Singh

-मकान बनवाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं -अतिक्रमण करने वाले का हौसला बुलंद

राजस्व अफसर को भनक तक नहीं लगती, इधर कब्जाधारी शासकीय भूमि पर तान देते हैं मकान

राजस्व अफसर को भनक तक नहीं लगती, इधर कब्जाधारी शासकीय भूमि पर तान देते हैं मकान

अफरीद-चांपा। चांपा तहसील अंतर्गत गौरव ग्राम अफरीद में भरत लाल राठौर द्वारा शासकीय भूमि में आलीशान बिल्डिंग तान दिया, जबकि तहसीलदार चांपा से इसकी शिकायत करते हुए कोर्ट से स्टे भी लाया गया। इसके बाद भी अनावेदक द्वारा मकान बनाया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में तहसीलदार चांपा के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। क्योंकि तहसीलदार ने आज तक सरकारी भूमि पर मकान बनवाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यही वजह है कि अतिक्रमण करने वाले का हौसला बुलंद है।
राजस्व मामले का काम काज किस कदर लापरवाहीपूर्वक किया जाता है इसका जीता जागता उदाहरण गौरव ग्राम अफरीद में देखने को मिल जाएगा। लोग गांव के शासकीय भूमि में आए दिन आलीशान मकान बना रहे हैं, लेकिन राजस्व अफसर आंख मूंदकर बैठे हैं। बड़ी बात यह है कि शिकायत के बाद भी अफसरों की कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। कुछ ऐसे ही मामले में राजस्व अफसरों द्वारा जमकर भर्राशाही की जा रही है।
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गांव के अनिल राठौर का गढ़पारा के पास निजी भूमि है। वहीं पर एक शासकीय भूमि भी है जहां से उनका आवागमन होता है। इस शासकीय भूमि खसरा नंबर 1830 रकबा 30 डिसमिल में पास के ही भरत लाल राठौर द्वारा अनाधिकृत रूप से मकान बनाया जा रहा है। इस मामले को लेकर अनिल राठौर ने तहसीलदार के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया था।

इस मामले में तहसीलदार ने भरत लाल राठौर को नोटिस देकर स्थगन आदेश दिया था। जिस पर भरत लाल राठौर को तहसीलदार ने नोटिस देकर 6 जनवरी 2018 को न्यायालय में उपस्थित होने कहा था। भरत लाल राठौर न्यायालय में उपस्थित जरूर हुआ, लेकिन वह मकान बनाना बंद नहीं किया। इसके बाद अनिल राठौर ने तहसीलदार को फिर रिमाइंडर किया था। लेकिन रिमाइंडर का तहसीलदार पर कोई असर नहीं पड़ा। अलबत्ता भरत लाल राठौर का मकान पूरी तरह से बन गया। वहीं राजस्व अफसर आंख मूंदे बैठी है।

खुलेआम दे रहा धमकी
कानून व्यवस्था को बनाने बिगाडऩे में काफी हद तक हाथ प्रशासन का भी होता है। क्योंकि गड़बड़ी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती। शिकायतकर्ता अनिल राठौर ने बताया कि कोर्ट से स्टे के बाद भी भरत लाल द्वारा सरकारी भूमि पर मकान निर्माण किया जा रहा है। कोर्ट से स्टे मिलने के बाद भी उसकी अकड़ नहीं जा रही है। अतिक्रमणकारी भरत लाल राठौर का कहना है कि चाहे जहां भी शिकायत कर लो उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा। दो दिन पहले दोनों पक्षों के बीच विवाद भी हुआ। इसके बाद भी प्रशासन को कोई सरोकार नहीं है।

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