
धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया
जांजगीर-चांपा. महिला के नाम से फर्जी कागजात तैयार कर जांजगीर के बायपास मार्ग स्थित ओरिएंटल बैंक में 6.30 लाख रुपए का लोन निकालने के मामले में पुलिस ने बैंक प्रबंधक समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने चारों आरोपी को गिरफ्तार किया है।
मामले में बैंक प्रबंधक की लापरवाही यह थी कि फर्जीवाड़ा करने वालों ने फर्जी कागजात से पहले तो लोन निकाला और बाद में जब मामला उजागर हुआ तब बैंक प्रबंधक से मिलीभगत कर लोन की राशि बैंक में वापस जमा कर दी। पीडि़त को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने इसकी शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई, लेकिन कोतवाली टीआई ने शिकायत को हल्के में लेकर शिकायत को दबा दिया। इससे पीडि़त ने न्यायालय में परिवाद दायर किया और न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक कशडोल निवासी संदीप मिश्रा पिता रमेश कुमार ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उसकी मां चंपाकली को पामगढ़ क्षेत्र के गांव बोरसी में पैत्रिक जमीन मिली थी। परिजन के बाहर रहने से जमीन की देखरेख नहीं हो पा रही थी। इसका फायदा उठाकर बोरसी पामगढ़ क्षेत्र के खेल कुमार जांगड़े व उसके साथी ने फर्जी तरीके से संधु लता को चंपाकली बताकर ओरिएंटल बैंक से 6.30 लाख रुपए का लोन निकाल लिया।
इस काम में बैंक के प्रबंधक संजय तिर्की का भी पूरा हांथ रहा। जब बैंक प्रबंधक को पता चला कि लोन फर्जी तरीके से निकाला गया है तो उसने फर्जीवाड़ा करने वालों को बुलाकर फटकार लगाई और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने धमकी देकर रकम वापस बैंक में जमा करवा दिया। इसके बाद बैंक प्रबंधन मामला दब गया सोंचकर चुप हो गया,
लेकिन भूमि स्वामी जमीन के असली भूमि स्वामी ने मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज करा दी और उसके बाद कोर्ट चला गया। कोर्ट ने 23 जुलाई को आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ की। कोतवाली पुलिस ने ओरिएंटल बैंक प्रबंधक संजय तिर्की, कोसीर निवासी खेल कुमार जांगड़े, मुड़पार निवासी तुलाराम लहरे, बोरसी निवासी गोविंद राम जांगड़े, संधुलता के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत जुर्म दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि आरोपी बैंक प्रबंधक संजय तिर्की फरार है।
लापरवाह अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं
फर्जीवाड़े का यह मामला दो साल पुराना है। संदीप मिश्रा ने दो साल पहले इस मामले की शिकायत एसपी से की थी। एसपी ने उसे कोतवाली टीआई को मार्क किया, लेकिन टाईई भवानीशंकर खूंटिया ने मामले को रद्दी की टोकरी में डाल दी और मामले की डायरी तत्कालीन एएसआई केके द्विेदी को सौंप दी। पीडि़त हार कर कोर्ट की शरण में गया और कोर्ट के आदेश पर पुलिस को मामला दर्ज करना पड़ा।
इससे पुलिस की साख पर बट्टा लगता दिखाई दे रही है। पीडि़त ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है। अब देखाना यह है कि इस लापरवाही के लिए संबंधित पुलिस अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाती है?
Published on:
25 Jul 2018 12:40 pm
बड़ी खबरें
View Allजांजगीर चंपा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
