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अ, ब, स, द भी नहीं बता सके सरकारी स्कूल के बच्चे, निरीक्षण के दौरान खुली पोल

CG Govt School: बच्चे स्कूल परिसर में बाहर खेलते और अफरीद में शिक्षक और बच्चे दोनों धूप सेकते हुए पाए गए। पढ़ाई पुरी तरह ठप मिली।

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अ, ब, स, द भी नहीं बता सके सरकारी स्कूल के बच्चे, निरीक्षण के दौरान खुली पोल

अफरीद में दौरा कर जिपं उपाध्यक्ष ले रहे अध्यापन व्यवस्था का जायजा (Photo Patrika)

CG Govt School: शैक्षिक गुणवत्ता निरीक्षण अभियान के दौरान जिले में सरकारी स्कूलों की स्थिति को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा तब हुआ जब सोमवार को ग्राम अफरीद, पेण्ड्री, जांजगीर के स्कूलों में पहुंचकर जिला पंचायत शिक्षा स्थायी समिति के अध्यक्ष और जिला पंचायत उपाध्यक्ष गगन जयपुरिया ने शाला का निरीक्षण किया। जहां अत्यंत चिंताजनक स्थितियां सामने आई।

शिक्षा विभाग सहित तमाम आला अधिकारी पेण्ड्री स्कूल के रास्ते से प्रतिदिन होकर गुजरते हैं। यदि इस स्कुल का यह हाल है तो जिले के बाकी स्कूलों के हाल का भी अंदाजा आप लगा सकते हैं। निरीक्षण के दौरान दोनों गांवों के स्कूलों में कक्षाएं खाली मिलीं पेण्ड्री में बच्चे स्कूल परिसर में बाहर खेलते और अफरीद में शिक्षक और बच्चे दोनों धूप सेकते हुए पाए गए। पढ़ाई पुरी तरह ठप मिली। पेण्ड्री के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पूरे दिन के दौरान केवल एक विज्ञान विषय का पीरियड संचालित किया गया। शेष किसी भी विषय की कक्षाएं नहीं ली गई थी।

8 वीं का बच्चा हिंदी नहीं पढ़ पाया, यह एक गंभीर संकेत

सबसे चिंताजनक स्थिति पेण्ड्री के कक्षा आठवीं में सामने आई। निरीक्षण के दौरान एक छात्र साधारण हिंदी पाठ भी नहीं पढ़ सका। गगन जयपुरिया ने कक्षा में से किसी भी एक छात्र को रैंडम रूप से खड़ा कर पढ़ने के लिए कहा, लेकिन छात्र मूलभूत स्तर की हिंदी भी पढ़ पाने में असमर्थ रहा। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया है।

शिक्षा समिति अध्यक्ष की चेतावनी

गगन जयपुरिया ने स्पष्ट कहा है जो शिक्षक सुधार नहीं करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि निरीक्षण रिपोर्ट प्रतिदिन जिला प्रशासन को भेजी जा रही है और स्थिति में सुधार न होने पर प्रशासनिक स्तर पर कड़े कदम उठाए जाएंगे।

बच्चों से गलत जानकारी दिलवाए जाने की आशंका

पूर्व माध्यमिक शाला पेण्ड्री छठवीं कक्षा के बच्चों ने बताया कि संस्कृत पढ़ाई गई है। जबकि संस्कृत शिक्षक ने पूरे दिन कोई कक्षा नहीं ली। इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि बच्चों को दबाव में गलत जानकारी देने के लिए कहा जा रहा है। निरीक्षण में पता चला कि एक स्कूल से 4 में से 3 शिक्षक बीएलओ ड्यूटी में भेजे गए हैं। जबकि दूसरे विद्यालय से एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया।