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जांजगीर चंपा

Corruption : हाउसिंग बोर्ड में जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत पहुंची अध्यक्ष तक

बैक डोर से करोड़ों की जमीन कौडिय़ों के भाव की जा रही थी रिजस्ट्री

जांजगीर चंपाSep 04, 2018 / 04:18 pm

Shiv Singh

बैक डोर से करोड़ों की जमीन कौडिय़ों के भाव की जा रही थी रिजस्ट्री

बैक डोर से करोड़ों की जमीन कौडिय़ों के भाव की जा रही थी रिजस्ट्री

जांजगीर-चांपा. हाउसिंग बोर्ड कोरबा संभाग में पिछले लगभग 10 सालों से पदस्थ ईई एके निखरा ने पहले तो नियमों को ताक में रखकर फर्जी तरीके के करोड़ों रुपए की जमीन को कौडिय़ों के भाव बेचने की कूट रचना की और जब पत्रिका ने इस मामले को एक्पोज कर दिया तो वह पूरा मामला उच्चाधिकारियों के ऊपर डाल रहे हैं।
हालांकि इस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। बिना निविदा व स्थानीय स्तर पर विज्ञापन प्रकाशित किए बिना किसी जमीन का आवंटन कर देना नियम के विपरीत है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले की सख्ती से जांच करवाएंगे और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल कोरबा संभाग के ईई एके निखरा ने जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में जिला पंचायत कार्यालय की ओर जाने वाली रोड में एक व्यवसायिक भूखंड के आवंटन की निविदा जारी की थी। इस भूखंड का आकार 2195 वर्ग फिट है। इसके लिए विभाग ने पहली बार निविदा 19 अप्रैल 2018 को निकली थी। इस निविदा प्रक्रिया में जांजगीर निवासी अंकुश गुप्ता व रश्मि गुप्ता ने आवेदन किया था।
रश्मी गुप्ता ने सबसे अधिक रेट 30.05 लाख रुपए डाला था। आरोप है कि कार्यपालन अभियंता एके निखरा यह भूखंड किसी विजय जैन नाम के व्यक्ति को देने के लिए प्लानिंग कर डाले थे। इससे उन्हेंने जैन का बैक डोर से तय तिथि के बाद आवेदन लेकर यह भूखंड उसे 30.10 लाख यानि रश्मि गुप्ता के डाले गए रेट से महज पांच हजार रुपए अधिक में आवंटित करने का टेंडर पास कर दिया। ऐसा होने के बाद इसकी शिकायत अपर आयुक्त, छग गृह निर्माण मंडल रायपुर एमडी पनारिया से की गई।
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पानारिया ने इसे लेकर ईई निखरा से बात की और उन्हें फटकार लगाते हुए टेंडर विवादित होने की स्थिति में उसे रद्द करने का आदेश दे दिया। इससे ईई कुछ कर तो नहीं पाए, लेकिन वह अपना वादा पूरा करने के लिए टेंडर रद्द होने के एक महीने के अंदर गुपचुप तरीके से विजय के नाम उसी जमीन के आवंटन का आदेश जारी कर दिया।

इतना ही नहीं उन्होंने आनन फानन में खुद ही रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार कर कोरबा से जांजगीर भेजा और जांजगीर में पदस्थ सब इंजीनियर दयानंद खलको को रजिस्ट्री करने के लिए कहा, लेकिन खलखो बीमार होने से रजिस्ट्री नहीं कर पाए और इसकी जानकारी होते ही अपर आयुक्त, छग गृह निर्माण मंडल ने ईई को तलब कर जमकर फटकार लगाई और उन्हें शोकॉज नोटिस जारी कर मामले में जांच करने के आदेश दिए।

ईई लगे मामले की लीपापोती करने में
इस मामले में पूरी तरह से संलिप्त ईई एके निखरा अब मामले में लीपापोती करने में लगे हैं। वह यह कह रहे हैं कि सब इंजीनियर दयानंद खलखो का उन्होंने तबादला कर दिया था, तो पिर वह रजिस्ट्री कैसे कर सकता है, जबकि दयानंद खलखो से वह अभी भी जांजगीर में ही काम ले रहे हैं। इतना ही नहीं यदि रजिस्ट्री नहीं होनी थी तो ईई ने रजिस्ट्री के दस्तावेज विजय जैन के नाम पर तैयार कर कैसे जांजगीर भेजा और विजय जैन ने इसके लिए बाकायदा रजिस्टार कार्यालय से एक लाख 17 हजार रुपए ई-स्टांप भी ले लिया था। इससे साफ जाहिर है कि यदि समय रहते इसकी शिकायत नहीं होती तो इस जमीन की रजिस्ट्री कौडिय़ों के भाव हो जाती।

-मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो यह गलत है। मैं इसकी जांच करवाऊंगा और यदि कोई अधिकारी इसमें गलत करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-भूपेंद्र सवन्नी, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल

-देखिए इस मामले में क्या गड़बड़ी हुई, कहां हुई। मुझे कुछ नहीं पता। मैंने उच्चाधिकारियों के निर्देश का यथावत पालन किया है। रही बात स्पष्टीकरण की तो वह मैं अपने अधिकारियों को दे चुका हूं।
-एके निखरा, कार्यपालन अभियंता, हाउसिंग बोर्ड, कोरबा
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