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केएसके वर्धा पावर प्लांट के मुख्य गेट में तालाबंदी कर धरने पर बैठे भू-विस्थापित

प्रदेश के सबसे बड़े प्लांट केएसके पावर प्लांट में फिर एक बार भू-विस्थापित संघ ने अपनी २३ सूत्रीय मांगों को लेकर हल्ला बोल दिया है। प्लांट के मुख्य गेट में तालाबंद कर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए हैं। इससे कर्मचारियों को आने-जाने नहीं दिया गया। पहले दिन अधिकारियों ने प्लांट को संभाला है। मांगों में मुख्य रूप से मुआवजा सहित अन्य शामिल है।

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केएसके वर्धा पावर प्लांट के मुख्य गेट में तालाबंदी कर धरने पर बैठे भू-विस्थापित

plant ke get par baithe gramin

जिले के अकलतरा में २००९-१० में केएसके प्लांट का निर्माण शुरू हुआ था। इसके लिए अकलतरा क्षेत्र के ग्रामीणों और किसानों की हजारों एकड़ जमीन प्लांट के लिए यह कहकर अधिग्रहित की थी कि क्षेत्र में प्रदेश का सबसे बड़ा ३६०० मेगावाट उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट स्थापित हो रहा है, क्षेत्र में बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र से बेरोजगारी दूरी होगी। लेकिन प्लांट तैयार होने के बाद लगातार यह प्लांट विवादों में रहा है। आज २४ साल के बाद भी भू-विस्थापितों को मुआवजा तक नहीं मिला है। पुर्नवास नीति का पालन नहीं किया गया है। इससे भू-विस्थापित किसान भारी परेशान है। इस संबंध में कई बार प्लांट को मौखिक व लिखित में आवेदन दिया जा चुका है। इसके बावजूद जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में माह भर पहले प्लांट प्रबंधन व शासन-प्रशासन को लिखित आवेदन दिया गया था। साथ ही १० फरवरी तक मांग पूरी नहीं होने की स्थिति आंदोलन करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद आज किसी भी मांगों पर विचार नहीं किया गया। इसलिए भू-विस्थापित किसान संघ ११ फरवरी से केएसके प्लांट के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर धरना पर बैठ गए हैं। इससे कर्मचारियों को आने जाने भी नहीं दिया गया है। पहले दिन काम अधिकारियों के भरोसे हुआ है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टिकोण से बड़ी संख्या में पुलिस बल की ड्यूटी लगाई है।


बिजली उत्पादन पर असर नहीं, अन्य कार्य प्रभावित


भू-विस्थापित किसान संघ अपनी २३ सूत्रीय मांगों पर अड़े हुए है। वार्ता के लिए बुलाया गया। लेकिन पहले दिन प्लांट प्रबंधन व शासन प्रशासन से कोई नहीं पहुंचे। इससे भू-विस्थापित किसान संघ में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। प्लांट में उत्पादन कार्य प्रभावित नहीं हुआ। प्लांट में कंस्टक्शन, मेंटनेंस से जुड़े व अन्य कार्य पर खासा असर पड़ा है। इससे प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ गई है। संघ का कहना है आगे भी आंदोलन जारी रहेगा। आगे धरना प्रदर्शन जारी होने पर कामकाज प्रभावित होने की संभावना है।


ये हैं प्रमुख मांगे


सैकड़ों भू-विस्थापितों को आज तक मुआवजा नहीं मिला, पुनर्वास नीति का पालन आज तक नहीं किया गया, जीवन निर्वाह भत्ता अनेकों किसानों का बंद कर दिया गया, पेंशनधारी भू-विस्थापितों का ३ माह से पेंशन बकाया, दो पर्ची धारकों को एक परिवार का बताकर नौकरी नहीं दिया जा रहा है, आसपास के लोगों को प्रदूषण व गर्मी सहित अन्य समस्याओं का सामना का सामना करना पड़ता है सहित अन्य मांग शामिल है।
वर्जन
मांगों के संबंध में प्लांट प्रबंधन व ग्रामीणों की उपस्थिति में दो बार बैठक ली जा चुकी है। प्लांट प्रबंधन को मांगों को पूरा करने निर्देश दिया जा चुका है। एनसीएलटी में प्लांट चल रहा कहते हुए पल्ला झाड़ा जा रहा है। इसी को लेकर फिर से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
एसपी वैद्य, एडीएम