
शौचालय की राशि में कुंडली मारकर बैठा सरपंच, ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
जांजगीर-चांपा. सरकार की महत्वाकांक्षी संपूर्ण स्वच्छता अभियान यानी शौचालय निर्माण योजना जनप्रनिधियों के कमाई का जरिया बन चुका है। सरकार ने घर -घर में शौचालय निर्माण के लिए जनप्रनिधियों के खाते में आधा थोड़ा ही सही राशि डाल चुकी है, लेकिन ग्राम पंचायत के सरपंच हितग्राहियों को देने के बजाए अपने खाते में ही कुंडली की तरह दबाए बैठे हैं। अलबत्ता हितग्राहियों को शौचालय योजना की राशि ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से कई बार फरियाद कर चुके, लेकिन सरपंच की दादागीरी चरम पर है। ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था कि हर घर शौचालय बनना है। सरपंचों को बैठक में अधिकारियों ने कहा गया था कि उन्हें १२-१२ हजार रुपए मिलेगा। सरकार से शौचालय के लिए राशि मिलेगी। सरकार का फरमान पाकर नवागढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत कुरियारी के १८४ ग्रामीणों ने भी महीनों पहले शौचालय निर्माण तो कर लिया, लेकिन उन्हें अब तक शौचालय निर्माण की राशि अब तक नहीं मिल पाई है। इसके चलते ग्रामीणों में रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों ने बीते दिवस कलेक्टोरेट पहुंचकर शौचालय निर्माण की राशि के भुगतान के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई थी। कलेक्टर ने ग्रामीणों की मांग को ध्याम में रखते हुए सरपंच के खाते में तकरीबन १५ लाख रुपए डाल दिए, लेकिन सरपंच उक्त राशि को कुंडली मारे बैठा है। सरपंच की हठधर्मिता के चलते किसी की भी शौचालय निर्माण की राशि नहीं मिल पाई है।
सरपंच का कहना है कि उन्हें अब तक ११७ हितग्राहियों की राशि मिल चुकी है, लेकिन उसकी जिद है कि उसे जब तक पूरी राशि नहीं मिल जाएगी किसी को राशि नहीं देगा। जबकि सरपंच कम से कम आधी आधी राशि लोगों को दे सकता है। जब पूरी राशि आएगी तब सभी को पूरा भुगतान कर सकता था। इस बात को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है। गांव के रामधन कश्यप, नीलकंठ कश्यप, निर्मला बाई, मीना बाई, प्रेमचंद सहित सैकड़ो ग्रामीणों ने मामले में शिकायत कलेक्टर से की है।
कहीं ब्याज का बहाना तो नहीं
ग्राम पंचायत कुरियारी के खाते में शौचालय निर्माण की राशि १५ लाख सहित अन्य कई मदों में लाखों रुपए जमा है, लेकिन सरपंच उक्त राशि को खर्च करने के बजाए खाते में ही जमा रखा है। इतनी मोटी रकम का बैंक की तरफ से हजारों रुपए ब्याज दिया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि कहीं सरपंच के द्वारा ब्याज की राशि खाने की नीयत से तो कहीं हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का भुगतान नहीं कर रहा है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर रोष व्याप्त है।
Published on:
12 Oct 2018 01:14 pm
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