
बौखलाए किसानों ने कलेक्टोरेट का किया घेराव, आखिर किस बात पर खफा हैं किसान, बस क्लिक...
जांजगीर-चांपा। जिले में 88 प्रतिशत रकबा में सिंचाई सुविधा के नहर का जाल फैला है, लेकिन किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसान सूखे की मार झेल रहे हैं, पर धान की फसल को नहर से सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका प्रमुख कारण टूटी-फूटी नहर और सिंचाई अफसरों की लापरवाही बताई जा रही है। यही वजह है कि किसानों को कलेक्टोरेट का घेराव करना पड़ रहा है।
हर बार की तरह सोमवार को कुरियारी के ग्रामीणों ने तीन ट्रैक्टर में सवार होकर कलेक्टोरेट पहुंचे और पानी की समस्या से संबंधित अपनी मांगों का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। इतना ही नहीं किसानों ने सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता कार्यालय को भी घेर लिया। सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता ने किसानों को आश्वासन दिया कि बहुत जल्द नहर में पानी की धार बढ़ाई जाएगी। ताकि किसानों की खड़ी फसल न सूखे। किसान अफसर के आश्वासन को स्वीकार करते हुए वापस लौटे।
जिले में सिंचाई सुविधा का बुरा हाल है। शासन एक ओर किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ देने के लिए नहर में भरपूर पानी दे रही है, लेकिन यह पानी हेड एरिया में ही भटक कर रह जा रहा है। अंतिम छोर के किसानों को नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है। जो हेड एरिया के किसान हैं वे डंडे के बल पर अपने ही अपने खेतों में पानी लेकर सिंचाई कर रहे हैं वहीं अंतिम छोर के किसानों को नहर का पानी नहीं मिल पा रहा है।
कुरियारी के किसानों ने बताया कि उन्होंने गांव में तकरीबन 100 एकड़ रकबा में धान की फसल लगाया था। जिसमें नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके कारण फसल सूखे की चपेट में पड़ गया है। किसानों का कहना है कि यदि नहर का पानी नहीं पहुंचा तो उन्हें पलायन करने मजबूर होना पड़ सकता है। किसानों ने बताया कि पहले भी गांव के किसान सूखे की चपेट में पड़ गए थे और बड़ी संख्या में सैकड़ो छोटे तबके के किसानों को पलायन करना पड़ गया था।
कुरियारी के ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है। नहर में पानी की धार बढ़ाई जा रही है। कर्मचारियों द्वारा सिंचाई व्यवस्था की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। टेल एरिया तक नहर का पानी पहुंचाया जा रहा है- एसएल यादव, कार्यपालन अभियंता, सिंचाई विभाग
Published on:
08 Oct 2018 06:56 pm
बड़ी खबरें
View Allजांजगीर चंपा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
