
न्याय पाने बर्तन गिरवी रख कर एसपी के पास पहुंची सरपंच, बोली- गुंडे बदमाशों ने पति को खुदकुशी करने किया मजबूर
जांजगीर-चांपा. पति की मौत के बाद न्याय की गुहार पाने नवागढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत चौराभांठा की महिला सरपंच इतवारा बाई सहिस दर-दर की ठोकरें खाने मजबूर है। उसका आरोप है कि उसके पति की मौत खुदकुशी से नहीं बल्कि उसे खुदकुशी करने गांव के दबंगों ने मजबूर किया है।
सरपंच की कुर्सी पर काबिज होने के बाद गांव के दबंग अपने हिसाब से सरपंची चलाना चाहते थे। नहीं चलने देने पर उसे प्रताडि़त करते थे। इसके चलते उसके पति ने खुदकुशी की है। अब वह गांव के गुंडे बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उसे दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। इसके लिए न तो उसके पास रुपए पैसे है और न ही बच्चों को पालने के लिए फूटी कौड़ी। हद तो तब हो गई जब वह सोमवार को एसपी आफिस शिकायत करने आई तब अपने घर के पुराने बर्तन को गिरवी रखकर जांजगीर पहुंची।
सरकार महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दे रही है। महिलाओं के जागरूकता के लिए करोड़ो रुपए पानी की तरह बहा रही है। वहीं आज भी 50 फीसदी ऐसी महिलाएं हैं जिसे कानून का ज्ञान नहीं है और आरक्षण के चलते कुर्सी पर काबिज हो रहीं है और उल्टे कुर्सी के झमेले में फंसकर अपनी दुनिया गवां रहीं हैं। कुछ इसी तरह की कहानी सरपंच इतवारा बाई पर चरितार्थ हो रही है।
गौरतलब है कि नवागढ़ ब्लाक के चौराभांठा के सरपंच इतवारा बाई का पति हरनारायण (45) का 7 जुलाई को गांव के बाहर पेड़ पर फांसी के फंदे में लटकते मिला था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव को सौंप दिया है। पुलिस का कहना है कि हरनारायण की खुदकुशी से मौत हुई थी। उसकी मौत के बाद परिजनों के ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। इस दौरान सरपंच इतवारा बाई सहिस अब न्याय की गुहार के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने मजबूर हैं। उसका कहना है कि उसके पति की मौत स्वभाविक नहीं बल्कि प्रताडऩा से हुई है।
सोमवार को वह अपने बाल बच्चों के साथ एसपी आफिस पहुंची और एसपी नीतु कमल से आपबीती कहानी बयां की। उसका कहना था कि उसके पति को गांव का उपसरपंच पति रामसागर कश्यप इस नाम से प्रताडि़त करता था कि उसके हिसाब से गांव के पंचायत चलेगा नहीं तो पंचायत नहीं चलने नहीं देंगे। पूरा पंचायत का बागडोर उसके हाथों होने के बाद भी वह और प्रताडि़त करता था। उसका कहना था कि पंचायत में करोड़ो रुपए का फंड आता है जिसमें उसे चवन्नी नहीं देता था और पूरी रकम को वह अकेले डकार देता था। इसके चलते उसका पति परेशान था और उसे खुदकुशी की राह अपनाना पड़ा।
नोट भी नहीं पहचान पाती सरपंच
सरपंच इतवारा बाई का कहना है कि वह सरपंच होते हुए भी भूखे मरना मजबूर है। पढ़ी-लिखी नहीं होने के कारण गांव के जानकार लोग उसे जहां भी चाहे जिस कागज में हो दस्तखत कराना चाहते हैं। कामकाज की पूरी बागडोर उपसरपंच देखता है। वह भी उससे गैरकानूनी काम कराना चाहता है।
इसके चलते उसका पति प्रताडि़त था। ग्रामीणों का कहना है कि महिला सरपंच इतनी अनजान है कि वह न तो वह दो हजार के नोट को पहचान पाती और न ही पांच सौ के। उसके बच्चे जो दूसरी तीसरी पढ़ रहे हैं वे सरपंच को नोटों के बारे में जानकारी देते हैं। सरपंच इतवारा बाई को अब यह डर सता रहा है कि कहीं अब दबंग लोग उसकी हत्या न करा दें। उसकी जान पर खतरा मंडरा रहा है।
-चौराभांठा की महिला सरपंच इतवारा बाई का पति ने हरनारायण ने फांसी लगाकर खुदकुशी की है। इसकी जांच की जा रही है। एसपी के पास शिकायत होने के बाद एसपी ने डायरी अपने पास मंगाई है। उपर से मिले निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे- आनंद साहू, प्रभारी थाना प्रभारी नवागढ़
Published on:
30 Jul 2018 07:37 pm
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