
इस स्कूल का हाल ऐसा कि बारिश हुई नहीं और बच्चों की हो जाती है छुट्टी, जानें क्या है वजह...
जांजगीर-चांपा. अकलतरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम हरदी महामाया के पं. रामनारायण पाण्डेय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्कूल बिल्डिंग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह भवन चार साल में ही इतनी जर्जर हो गई कि बारिश का पानी एक बूंद भी बाहर नहीं जाता और भवन के अंदर ही सीपेज होकर गिरता है। इसके कारण बच्चों को पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अक्सर बच्चों को पानी की वजह से छुट्टी दे दी जाती है। भवन का निर्माण पीडब्ल्यूडी के देख रेख में हुआ है। भवन को बने चार साल भी पूरा नहीं हुआ कि भवन जर्जर हो चुका है कि मानों 50 साल हो चुका हो। भवन की दीवारों पर दरार आ चुकी है। बड़ी-बड़ी दरारें देखकर ऐसा लग रहा है कि भवन कभी भी गिर सकती है। हालत यह हो गया है कि अब यहां बच्चे और टीचर पढऩे-पढ़ाने से भी डरने लगे हैं। स्कूल स्टॉफ का कहना है कि शासन को चाहिए कि वह स्कूल भवन का मरम्मत कराए, जिससे यह पढ़ाने लायक हो सके।
पीडब्ल्यूडी द्वारा लगभग 58 लाख रुपए की लागत से चार साल पहले ठेके से भवन निर्माण कराया था लेकिन काम की गुणवत्ता देख ऐसा लग रहा मानों विभागीय अफसरों ने आंखें मूंद ली हो। दरवाजे खिड़कियों के पास से प्लास्टर टूटकर उखडऩे लगा है। चार साल पहले बनी यह स्कूल भवन सीपेज से छात्र-छात्राओं व स्कूल स्टाफ के लिए बैठने के लिए भी जगह नहीं है। बारिश शुरू होते ही भवन से पानी का सीपेज इतना बढ़ जाता है कि स्कूल भवन में जगह-जगह पानी भर जाता है। जिससे छात्र-छात्राओं को बैठने के लिए जगह नहीं होती।
नैला के एक ठेकेदार द्वारा यह कार्य कराया गया है। उक्त ठेकेदार भवन निर्माण के बाद दोबारा यहां आज तक झांककर देखा नहीं है कि यह भवन कैसा है। बीईओ कार्यालय में इसकी सूचना देने के बाद भी बीईओ द्वारा आज तक स्कूल भवन की निरीक्षण नहीं किया गया है। जिसके चलते छात्र, अभिभावक व यहां के शिक्षक परेशान हैं। दिलचस्प बात यह है कि जब अधिक बारिश होती है तब यहां के शिक्षक भवन की स्थिति को देखते हुए छुट्टी कर देते हैं ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।
नहीं हो पाया अहाते का निर्माण
पूर्व कलेक्टर द्वारा निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल परिसर में अहाता निर्माण की घोषण की थी। बाकायदा उन्होंने आदेश दिया था कि यहां अहाते का निर्माण किया जाए, पर अफसरों की यह घोषणा केवल कागजों तक सीमित है, जिसके चलते यहां अध्ययनरत हजारों छात्रों को कई तरह के परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है।
-हाई स्कूल भवन जर्जर हो चुकी है। स्कूल में कई तरह की समस्या है, जिसे बीईओ और डीईओ को अवगत करा चुके हैं। इसके बाद भी समस्या जस की तस पड़ी है- राधामोहन पांडेय, प्राचार्य शाउमावि, हरदी
Published on:
15 Jul 2018 05:41 pm
बड़ी खबरें
View Allजांजगीर चंपा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
