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CG Analytical News : जिले के 52476 छात्रों को सरकार दो सालों से नहीं दे पाई छात्रवृत्ति

शिक्षा सत्र पूरी तरह से समाप्त हो चुका है, मौजूदा शिक्षा सत्र को मात्र 10 दिन शेष हैं। जबकि छात्रों को 31 मार्च तक हर हाल में छात्रवृत्ति का भुगतान हो जाना था।

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CG Analytical News : जिले के 52476 छात्रों को सरकार दो सालों से नहीं दे पाई छात्रवृत्ति

CG Analytical News : जिले के 52476 छात्रों को सरकार दो सालों से नहीं दे पाई छात्रवृत्ति

जांजगीर-चांपा. विकास के दावे कर रही राज्य एवं केंद्र सरकार जिले के दो हजार छात्रों को सरकार बीते दो सालों से छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं कर पाई है। हद तो तब हो गई जब सरकार शिक्षा का बढ़ावा देते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के जुमलेबाजी करते हुए फिरते रहती है। वहीं दूसरी ओर गरीब व दलित वर्ग की छात्राएं छात्रवृत्ति के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने मजबूर हैं।

पत्रिका ने इस बात की पड़ताल की जिसमें चौकाने वाले तथ्य उजागर हुए। डीईओ आफिस से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 52 हजार छात्र-छात्राओं को बीते दो वर्ष की छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। जिसमें सात हजार ऐसे छात्र हैं जो पिछले दो सालों से छात्रवृत्ति के लिए चप्पल घिसते थक चुके हैं। उनकी मांगें नक्कार खाने की तूती बनकर रह गई है।

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शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार स्कूली छात्रों को स्कॉलरशिप देने की बात करती है, लेकिन यह योजना केवल कागजों की शोभा बनकर रह गई है। केवल 50 फीसदी छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान हो पा रहा है। वहीं 50 फीसदी छात्र छात्रवृत्ति के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने मजबूर हैं।

शिक्षा विभाग से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष यानी 2017-18 में कक्षा पहली से लेकर 12 वीं तक की कक्षाओं में अध्ययनरत एक लाख 9230 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन जमा किया था। जिसमें मार्च 2018 तक 64 हजार 209 छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान हो पाया है। वहीं 42 हजार 805 छात्रों को अब तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। इतना ही नहीं 2671 छात्र ऐसे हैं जिन्हें छात्रों के खाता में त्रुटि बताकर भुगतान से वंचित कर दिया गया है। ऐसे छात्रों को खाता सुधरवाने सलाह दी गई है। दिलचस्प बात यह है कि शिक्षा सत्र पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। मौजूदा शिक्षा सत्र को मात्र 10 दिन शेष हैं। जबकि छात्रों को 31 मार्च तक हर हाल में छात्रवृत्ति का भुगतान हो जाना था।

केंद्र सरकार नहीं दे पा रहा बजट
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे की शुरूआत की थी। उन्होंने बेटियों की शिक्षा की अलख जगाई थी, लेकिन उन्हीं के कार्यशैली के ढोल में पोल नजर आ रही है। वर्तमान में स्कूली छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने का प्रमुख वजह केंद्र सरकार से बजट का अभाव बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री केंद्र सरकार से ही बजट स्वीकृत नहीं कर रही है। जिसके चलते जिले के हजारों छात्र सरकार की योजना से वंचित होते नजर आ रहे हैं।

सात हजार पुराने छात्रों का नहीं हुआ भुगतान
बताया जा रहा है कि वर्ष 2016-17 में अध्ययनरत जिले के सात हजार अनुसूचित जति के छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पाया है। जिसके चलते छात्र-छात्राओं की आगे की पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि सरकार गरीब छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना की शुरूआत की है, लेकिन गरीबों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के कदम डगमगा गए हैं।

छात्रवृत्ति भुगतान के लिए सरकार से लगातार पत्राचार किए जा रहा है, लेकिन बजट नहीं होने के कारण केंद्र सरकार से राशि स्वीकृत नहीं हो पाई है। जैसे-जैसे बजट स्वीकृत हो रहा है वैसे-वैसे छात्रों के खाते में छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है- जीपी भास्कर, डीईओ
फैक्ट फाइल
पात्र हितग्राही 1 लाख 9230
अब तक मिला 64 हजार 209
अब तक भुगतान नहीं 42 हजार 805
खाता त्रुटि से वंचित 2671
वर्ष 2017 के वंचित छात्र 7000
कुल वंचित छात्र 52476