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ई पावती की बाध्यता यहां संचार क्रांती योजना का रोक रही रास्ता, छूट गए कई आवेदन

संचार क्रांति योजना के तहत फार्म डलवाया गया था

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संचार क्रांति योजना के तहत फार्म डलवाया गया था

संचार क्रांति योजना के तहत फार्म डलवाया गया था

जांजगीर-चांपा. सरकार की महत्वकांक्षी योजना आम जनता को आधुनिक तकनीक से जोड़ेने सहित युवाओं को हाईटेक बनाने की है। छत्तीसगढ़ के सभी ग्राम पंचायतों में संचार क्रांति योजना के तहत फार्म डलवाया गया था और मोबाईल फोन का वितरण का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।


अब ग्राम पंचायतों में ई पावती का वितरण का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, लेकिन ई पावती को घर-घर जाकर वितरण करने की जिम्मेदारी मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित मास्टर ट्रेनर को दिया गया है, लेकिन ई पावती को वितरण करने में खून पसीना एक करना पड़ रहा है वह इसलिये की ई पावती जो कि कम्प्यूटर से बारकोड़ सहित प्रिंट हुआ है उसमें न तो पिता या पति या जाति या वार्ड का नाम भी अंकित नही है सिर्फ टिन नंबर सहित स्काई आईडी और हितग्राही का नाम अंकित होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योकि गांव में किसी एक नाम को खोजते हैं तो उस गांव में एक ही नाम के और भी व्यक्ति है जिससे पहचानने में परेशानी हो रही है ।


कई हितग्राहियों का आवेदन अपलोड़ नही
संचार क्रांति योजना के तहत गांव के कई लोगोंं का फार्म आनलाईन नहीं हुआ है क्योकि कई हितग्राहियों का स्वयं के द्वारा भरा गया आवेदन में टिन नंबर जो कि मुख्य रूप से अनिवार्य होता है उसी बेस पर कम्प्यूटर में सर्च होता है या ऑनलाईन का कार्य किया जाना था उसे भरा नही गया है इसी कारण से उन हितग्राहियों का फार्म अपलोड़ नही हो पाया है ।

इस संबंध में ग्राम पंचायत हरदी के रंगनाथ यादव से बातचीत में उसने बतलाया की कई हितग्राहियों का फार्म अपलोड नहीं हुआ क्योकि स्वयं हितग्राहियों के द्वारा टिन नंबर गलत भरा नहीं गया है अगर ग्राम पंचायत में ही फार्म को अपलोड की पूरी जिम्मेदारी दी जाती है पंचायत में कम्पयूटर ऑपरेटर होता तो भी शायद ऐसा नहीं होता क्योकि अगर हो भी जाता तो उसे तिथि से पहले सुधार किया जा सकता था, लेकिन सरकार ने पंचायत ऑपरेटरों की सेवा समाप्त कर स्वयं मुसीबत में पड़ गया क्योकि कई हितग्राहियों जो की योजना का लाभ लेने से वंचित मतलब सरकार भी वोट पाने से वंचित ऐसा आम जनता का कहना है।

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आपरेटर की गलती से छूटा फार्म आनलाईन होने से
पूरे प्रदेश भर में आम जनता से लेकर युवा और बुजुर्गो को जब हाईटेक करने की योजना बन सकती है, लेकिन सरकार में जब पूर्व में पंचायत सहायक सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की भर्ती राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजनाा के तहत भर्ती की गई थी लेकिन बजट के अभाव में पंचायत आजतक हाईटेक नही हो पाया लेकिन अब आम जनता को हाइटेक करने की योजना की जा रही है जब कि पंचायत को पेपरलेस करना मुख्य मकसद था सरकार का,

लेकिन उसे पद से पृथक कर सरकार अब तक चुप्पी साधी हुई है। ग्राम पंचाायत से संचार क्रांति योजना का फार्म को आनलाईन कार्य करने के लिए उसे जनपद में पहुंचाय गया था और आनलाईन कार्य जनपद के ऑपरेटर सहित निजि दुकानदारों के द्वारा भी किया गया था

जिसे न तो कोई रिकार्ड दर्ज है किसी कार्यालय में अगर हर ग्राम पंचायत में कम्प्यूटर आपरेटर होता तो उसे आनलाईन का कार्य भी ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाता तो कुछ भी गलती हो जाता तो उसे सूचित कर सुधारा जा सकता था और उसे योजना के तहत मोबाईल फोन की मिल सकता था, लेकिन जनपद वाले का कहना है कि जिस हितग्राही का फार्म अपलोड नहीं हुआ है।