उन्हें संजीवनी की सुविधा नहीं मिल पा रही है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करेगी तब तक हम हड़ताल पर डटे रहेंगे।
गौरतलब है कि 16 जुलाई से संजीवनी व महतारी के कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। कर्मचारियों का कहना है कि वे छह सूत्रीय मांगों को लेकर पहले भी हड़ताल पर थे। तब जिम्मेदारों ने उन्हें भरपूर आश्वासन दिलाया था। इसके बाद उनकी मांगों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। आज तक न तो उनकी पुरानी मांगे पूरी हुई और न ही उन्हें बढ़े वेतन का एरियर्स मिल पाया। इसके चलते उनकी माली हालत खराब है।
Read more : यहां तीन दिन से छाया है अंधेरा, शिकायत के बाद भी बिजली विभाग के अफसरों की नहीं खुलती नींद उनकी ड्यूटी का न ठिकाना है और न ही समय पर वेतन मिलने की उम्मीद रहती है। इन सभी परेशानियों को देखते हुए वे हड़ताल पर हैं। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा छह सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया जा रहा है। पोस्टकार्ड में कर्मचारी अपनी मांगों का उल्लेख कर रहे हैं।
इधर जरूरतमंद लोगों को संजीवनी व महतारी वेन नहीं मिलने के कारण अच्छे खासे परेशान हैं। मरीज खुद के साधन से अस्पताल तक पहुंच रहे हैं। हालांकि संजीवनी के जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारियों का कहना है कि कहीं पर कोई वाहन प्रभावित नहीं है। सभी वाहनें जुगाड़ के कर्मचारियों द्वारा चलाई जा रही है। व्यवस्था प्रभावित नहीं है।
यह है प्रमुख मांगें
-ठेका प्रथा बंद कर कर्मचारियों को सरकार अपने अधिनस्थ ले
-2 अप्रैल 2017 से वेतनवृद्धि का एरियर्स प्रदान करे
-ड्यूटी के लिए 8 घंटे की सेवा अवधि तय हो
-समस्या निराकरण कमेटी का गठन हो
-वेतनमान हर माह निश्चित समय भुगतान हो
-परिवर्तनशील महंगाई भत्ता दी जाए।