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छात्रावास भवन चढ़ गई भ्रष्टाचार की भेंट, छत ढलाई के बाद भर-भराकर गिर गई पौने तीन करोड़ की बिल्डिंग

पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई जा रही बिल्डिंग, हसौद में निर्माणाधीन छात्रावास भवन चढ़ गई भ्रष्टाचार की भेंट

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छात्रावास भवन चढ़ गई भ्रष्टाचार की भेंट, छत ढलाई के बाद भर-भराकर गिर गई पौने तीन करोड़ की बिल्डिंग

छात्रावास भवन चढ़ गई भ्रष्टाचार की भेंट, छत ढलाई के बाद भर-भराकर गिर गई पौने तीन करोड़ की बिल्डिंग

जांजगीर-हसौद. पीडब्ल्यूडी द्वारा शासकीय महाविद्यालय हसौद में 100 बेड छात्रावास भवन का निर्माण कराया जा रहा है। ठेकेदार ने इस भवन निर्माण के लिए इतना घालमेल किया कि भवन की छत ढलाई के कुछ देर बाद भरभराकर गिर गया। शुक्र है निर्माण कार्य के दौरान भवन के नीचे मजदूर नहीं थे, नहीं तो कई लोगों की जान चली जाती। दिलचस्प बात यह है कि पौने तीन करोड़ की बिल्डिंग के निर्माण कार्य के दौरान मौके पर कोई सक्षम अधिकारी नहीं था और न ही ठेकेदार। जिसके चलते इतनी बड़ी बजट की बिल्डिंग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।

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लोक निर्माण विभाग द्वारा इन दिनों शासकीय महाविद्यालय हसौद में 100 बेड छात्रावास भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में विभागीय अफसर किस कदर भ्रष्टाचार करने तुले हुए हैं इसका जीता जागता उदाहरण मौके की नजाकत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। पौने तीन करोड़ की बिल्डिंग में पीडब्ल्यूडी के अफसर व ठेकेदार मिलकर जमकर भर्राशाही कर रहे हैं। दरअसल सोमवार को इस बिल्डिंग की छत ढलाई का कार्य हुआ। छत ढलाई के कुछ देर बाद छत पूरी तरह से भर-भराकर गिर गया। इससे किस कदर भ्रष्टाचार की गई है यह साफ नजर आ रहा है।

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मानक के अनुरूप सीमेंट मिलाया ही नहीं कर दी ढलाई
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इस कार्य का ठेका कोरबा के मनोज परासर को दिया गया है। ठेकेदार ने इस काम में खुलकर भ्रष्टाचार किया है। भवन निर्माण के दौरान ठेकेदार के लोगों ने छत ढलाई के दौरान मानक के अनुरूप सीमेंट का इस्तेमाल किया ही नहीं है। यही वजह है कि छत भर-भराकर गिर गया। छत जब भर-भराकर गिरा तब मौके पर काम करा रहे मुंशी की आंखें फटी की फटी रह गई। उसने मामले की सूचना अपने ठेकेदार को दी। ठेकेदार बाद में आकर लीपापोती शुरू कर दी है।

वाय के गोपाल, ईई पीडब्ल्यूडी