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#topic of the day : ट्रक ड्राइवरों को भी समय-समय पर मिलना चाहिए प्रशिक्षण

अकलतरा थाना प्रभारी उमेश मिश्रा मेहमान के रूप में पत्रिका कार्यालय पहुंचे

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अकलतरा थाना प्रभारी उमेश मिश्रा मेहमान के रूप में पत्रिका कार्यालय पहुंचे

अकलतरा थाना प्रभारी उमेश मिश्रा मेहमान के रूप में पत्रिका कार्यालय पहुंचे

जांजगीर-चांपा. पत्रिका टॉपिक ऑफ द डे कार्यक्रम में रविवार को अकलतरा थाना प्रभारी उमेश मिश्रा मेहमान के रूप में पत्रिका कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अकलतरा क्षेत्र में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा इसके पीछे मुख्य कारण हैवी वाहन चलाने ड्राइवरों द्वारा क्षमता से अधिक मेहनत करना है।

उन्होंने कहा कि ट्रक ड्राइवर बोनस की लालच में 16-18 घंटे तक लगातार ड्राइविंग करते हैं, जो कि एक साधारण आदमी की क्षमता से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि इसके चलते ही वह अपना पूरा ध्यान सुरक्षित वाहन चलाने में नहीं दे पाते और सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे लोगों की मौतें हो रही हैं।


टीआई मिश्रा ने कहा कि यदि ट्रक ड्राईवरों से निर्धारित समय 6-8 घंटे ही काम लिया जाए, उन्हें सप्ताह में एक दिन घर जाने के लिए छुट्टी दी जाए, जिससे वह अपने परिवार से मिलकर मानशिक रूप से संतुष्ट हो सकें। साथ ही उन्हें सप्ताह या महीने में एक बार मोटीवेशन प्रशिक्षण दिया जाए तो सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

टीआई मिश्रा ने इस दौरान सड़क दुर्घटाना के दौरान अकलता होने वाली मौतें और परिजनों द्वारा आक्रोष में आकर जाम करने जैसी घटनाओं को अंजाम देने का विरोध किया। उन्होंने कहा इससे पुलिस अपना कार्य सही तरीके से नहीं कर पाती है। यदि जाम न हो तो पुलिस समय पर पंचनामा कार्रवाई सहित अन्य कार्य समय पर करेगी। इसके साथ ट्रक मालिक से तत्काल सहायता पीड़ित परिवार को दिलाने के साथ ही बीमा का लाभी दिला सकेगी, लेकिन लोग भावावेश में आकर इसे नहीं समझ पाते हैं।


क्रशर संचालकों पर कार्रवाई जरूरी
टीआई उमेश मिश्रा ने बताया कि अकलतरा क्षेत्र में अधिकतर खदानों में गैर कानूनी तरीके से विस्फोट किया जा रहा है। इसके साथ ही वहां काम करने वाले लोग प्रशिक्षित नहीं है। उन्होंने कहा एक बार आंधी चल जाने से पूरा अकलतरा क्षेत्र धूल के गुबार में समा जाता है। लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है।

उन्होंने इसके निदान के लिए बताया कि पर्यावरण और खनिज विभाग को इस पर कार्रवाई करना चाहिए। साथ ही खदानों में विस्फोट का काम सप्ताह में एक या दो दिन ही हो। विस्फोट करने से पहले खदान संचालक इसकी जानकारी थाने में दे, जिससे पुलिस सुरक्षा के उचित उपाय कर सके। साथ ही खदानों में आटीआई पास व प्रशिक्षित लोगों को ही काम दिया जाए। खदान क्षेत्र में समय-समय पर पानी का छिड़काव हो।