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खस्ताहाल है यहां की सड़क, पैदल चलना भी लोगों के लिए है मुसीबत की तरह

स्टेशन रोड की दशा कई सालों से खराब

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स्टेशन रोड की दशा कई सालों से खराब

स्टेशन रोड की दशा कई सालों से खराब

जांजगीर-चांपा. शहर से रेलवे स्टेशन रोड की दशा कई सालों से खराब है। नागरिकों की मांग के बाद भी रोड की सुध नहीं ली जा रही है। नागरिकों के सामने मास्क और रूमाल का सहारा ही बचा है। रोड की जर्जर हालत से घरों में साफ.-सफाई की समस्या गंभीर हो चली तो दुकानों से ग्राहकों ने दूरी बना ली है।


यह रोड सरखों, पहरिया होते हुए बलौदा, कोरबा निकलती है। वहीं कन्हाईबंद, सिवनी, जर्वे, बलौदा होत हुए अन्य कस्बों को भी जोड़ता है। प्रतिदिन हजारों वाहनों और लोगों की आवाजाही के बावजूद रोड की स्थिति बेहद दयनीय है।

कई सालों से रेलवे स्टेशन रोड की स्थिति की सुध रेलवे द्वारा नहीं ली। कुछ दिनों पूर्व गड्ढों में मुरूम, गिट्टी डाला गया था जो लोगों के लिए और सिर दर्द बना हुआ है। वाहन जब गुजर रहे तो धूल से आसपास के कुछ नजर नहीं दिखा पड़ रहा है। इससे पूर्व से खराब रोड की दशा और खराब हो गई। अब मार्ग पर वाहनों की आवाजाही दुष्कर हो चली है।

साथ ही वाहनों के कारण उडऩे वाली धूल, मिट्टी ने नागरिकों की परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया है। रोड निर्माण में नागरिक मुंह पर रूमाल बांधकर या मास्क पहनकर रहने को मजबूर हैं। व्यापारियों के कारोबार को धूल, मिट्टी से बड़ा नुकसान हुआ है। इसके बाद भी नागरिकों को समस्या से राहत दिलाने के प्रति रेलवे द्वारा कोई कोशिश करती दिखाई नहीं दे रही है।


लोगों के मन की पीड़ा
रेलवे फाटक से स्टेशन तक की रोड की दशा बेहद खराब हो चुकी है। वाहनों की आवाजाही से धूल, मिट्टी उड़ती रहती है। इसके कारण कारोबार करना मुश्किल हो चुका है। राहत के नाम सुबह-शाम न तो पानी का छिड़काव की जा रही है। व्यापारियों ने बताया कि रोड की दशा बेहद खराब है। दिनभर धूल, मिट्टी उड़ती रहती है। मुंह पर रूमाल बांधकर बैठना पड़ता है। मास्क पहनना पड़ता है। कारोबार ठप और जीना मुहाल हो चुका है। इसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है लेकिन समस्या निराकरण के आश्वासन के बाद भी स्थिति जस की तस है।