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अफरीद में उद्योग स्थापना को लेकर ग्रामीण हो रहे लामबंद

ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष जताई आपत्ति

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ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष जताई आपत्ति

ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष जताई आपत्ति

जांजगीर-चांपा. बम्हनीडीह विकासखंड के गौरव ग्राम अफरीद के जमड़ी नाले में औद्योगिक संयंत्र स्थापित करने को लेकर ग्रामीण लामबंद हो रहे हैं। उद्योग खोलने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीणों ने बीते 6 जुलाई 2017 को भी प्रस्तावित उद्योग के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे नाराज ग्रामीणों ने फिर से कलेक्टर के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है।


गौरव ग्राम अफरीद के ग्रामीण व ग्राम जागरण महिला समिति के अध्यक्ष संगीता दीवान, अनिता राठौर पद्मेश शर्मा, पंच बिरिछ बाई सहित दो दर्जन ग्रामीणों ने कलेक्टर को दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि गांव के जमड़ी नाले के उपर कृषि भूमि को खरीदकर उसमें उद्योग लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

यहां ८ एकड़ २० डिसमिल भूमि में उद्योग की स्थापना के बाद आसपास की कृषि भूमि प्रदूषण से खेती योग्य नहीं रहेगी। ऐसे में पुन: कृषि भूमि को औने-पौने दाम में खरीदा जा सकता है। इसके अलावा जमड़ी नाले में भी प्रदूषण की समस्या बढ़ सकती है। इन संभावनाओं को देखते हुए पूर्व में औद्योगिक संयंत्र स्थापना के खिलाफ ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर इसे प्रारंभ करने की अनुमति न देने का आग्रह शासन से किया गया था।

ज्ञापन सौपने वालों में वार्ड नंबर ११ के पंच शैल बाई, पंच भगवती, पंच कमलेश्वरी, शकुन बाई, गोपाल सिहं राठौर, नंद कुमार केंवट, चिंता बाई भैना, चेतन श्रीवास, परमेश्वरी राठौर, घासीराम चौहान, खोमेश राठौर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।


सरपंच पर लगाया मिलीभगत का आरोप
ग्राम जागरण महिला समिति की अध्यक्ष संगीता दीवान ने बताया कि औद्योगिक इकाई स्थापना में सरपंच की मिलीभगत है। दीवान का कहना है कि ग्रामीण ग्राम पंचायत व ग्राम सभा की जानकारी बगैर सरपंच ने मोटी रकम लेकर उद्योग लगाने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। वहीं ग्राम पंचायत की सरपंच लता राठौर का कहना है कि चांपा के उद्योगपति द्वारा ग्राम पंचायत के पंचों को बतौर कुछ सहयोग राशि उपलब्ध कराई गई है। मिलीभगत का आरोप बेबुनियाद है।


जीवनदायिनी है जमड़ी नाला
गांव के अंतिम छोर से गुजरी जमड़ी नाला गांव के लोगों के लिए जीवनदायिनी का काम करता है। इस नाले के पानी से तकरीबन दो दर्जन परिवार के लोग नाले के पानी से साग सब्जी उगाते हैं और जीवन यापन करते हैं। इस नाले के पानी से गांव के बोर का जल स्तर भी मेंटेन रहता है।

यदि यहां उद्योग स्थापित हो जाएगा तो लोगों को नाले से पानी नहीं मिल पाएगा। वहीं उद्योग से वायु प्रदूषण का खतरा भी रहेगा। ग्रामीणों ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा है कि शासन ने अफरीद को गौरव ग्राम के रूप में चिन्हांकित किया है। लेकिन इसी गौरव ग्राम को बगैर ग्रामीणों की इच्छा के खिलाफ औद्योगिक इकाई स्थापना की अनुमति देकर प्रदूषित करने की योजना बना ली गई है। उन्होंने कलेक्टर से गांव में उद्योग न खोले जाने की मांग की है।

कुटीर उद्योग के लिए पंचायत से एनओसी जारी
जमड़ी नाला में कुटीर उद्योग के लिए पंचायत से एनओसी जारी की गई है। ८.२० एकड़ जमीन में उद्योग के लिए पंचायत का बाकायदा प्रस्ताव है। लेन देन का आरोप बेबुनियाद है।
-लता राठौर, सरपंच गौरव ग्राम अफरीद