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जांजगीर चंपा

ये तो हद्द हो गई- मुंशी के भरोसे करोड़ों की दिव्यांग स्कूल बिल्डिंग का काम अफसरों को नहीं है मॉनिटरिंग की फुर्सत

तीन करोड़ रुपए की लगत बन रही इस बिल्डिंग का सुपरवीजन

जांजगीर चंपाJul 11, 2018 / 02:29 pm

Shiv Singh

तीन करोड़ रुपए की लगत बन रही इस बिल्डिंग का सुपरवीजन

तीन करोड़ रुपए की लगत बन रही इस बिल्डिंग का सुपरवीजन

जांजगीर-चांपा. पेंड्रीभाठा स्थित केंद्रीय विद्यालय के पास पीडब्ल्यूडी 2.96 करोड़ रुपए की लागत से दिव्यांग स्कूल का निर्माण कार्य करा है। यह कार्य इस तरह कराया जा रहा मानों यह शासन ने भारतीयों के टैक्स नहीं बल्कि खैरात मिले मद से दे दी है। यही कारण है कि इन निर्माण को लेकर न तो पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही ठेकेदार।

लगभग तीन करोड़ रुपए की लगत बन रही इस बिल्डिंग का सुपरवीजन सही मायने में अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी को करना चाहिए, लेकिन इस भवन में फुटिंग किस तरह की हुई। लोहा कैसा लगा ड्राईंग डिजाइन के मुताबिक स्ट्रक्चर तैयार हो रहा है कि यह देखने तक की इन अधिकारियों के पास फुर्सत नहीं है।
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अब जब बड़े अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे तो फिर जिला मुख्यालय पर बैठे अधिकारी क्या ध्यान देंगे। हालत यह है कि जब भी इस निर्माण कार्य की कमी के बारे में बताया जाता है ईई और एसडीओ उसको सही कराने की बात कर रहे हैं, लेकिन आज तक ठेकेदार को कोई पनिस्मेंट या नोटिस नहीं दिया गया।
हालत यह है कि यह काम मात्र एक सब इंजीनियर की देखरेख में हो रहा है और वह भी कभी कभार ही वहां पहुंचता है। हालत यह है कि ठेकेदार ने पूरा काम मुंशी के भरोसे छोड़ दिया है।
बीई करके निकले अनुभवहीन ठेकेदार के इंजीनियर मनमाने तरीके से काम करा रहे हैं। इस भवन की जहां फुटिंग घटिया स्तर की ढाली गई है तो अब सेंड और मिक्स मटेरियल की फिलिंग की जगह नीचे काली मिट्टी और ऊपर सेंड फिल की जा रीह है। अधिकारियों का कहना है कि यदि ऐसा तो हम मिट्टी को खोदकर निकलवा देंगे, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब निर्माण हो रहा है और सेंड फिलिंग हो रही है तो उस समय क्यों निगरानी नहीं होती है?


ऐसी अनदेखी की प्लिंथबीम की कर दी गई टेढ़ी ढलाई
दिव्यांग स्कूल भवन के ठीक बगल से ही डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से जिला ग्रंथालय का भवन बनाया जा रहा है। काम लेने की लालच में ठेकेदार ने 20 प्रतिशत बिलो रेट यानि की शासन द्वारा जारी राशि डेढ़ करोड़ रुपए कम दर में यानि मात्र एक करोड़ 20 लाख रुपए में भवन निर्माण करने का ठेका ले लिया।

अब निर्माण के दौरान अधिक पैसे बचाने के लिए घटिया निर्माण करने पर उतारू है। जब पत्रिका की टीम ने यहां का मौका मुआयना किया तो यहां प्लिंथ बीम की ढलाई कर दी गई थी, लेकिन वह दूर से ही दिख रही थी कि ढलाई के दौरान नौसिखिया मिी से कार्य कराया गया, जिसने सही न तो सूत लगाया और न सेंटरिंग। इसका नतीजा यह हुआ कि प्लिंथ बीम टेढ़ा मेढ़ा ढला। जब इस बारे में पीडब्ल्यूडी के एसडीओ अमित कश्यप से पूछा गया तो उन्होंने वहां निरीक्षण किया और प्लिंथ बीम टेढ़ी मिलने पर ठेकेदार को न सिर्फ फटकार लगाई, बल्कि उनका कहना है कि बीम को तोड़कर दोबारा ढाला गया है।


नियम से खिलवाड़ क्यों
पीडब्ल्यूडी के शर्तों के मुताबिक ठेकेदार को विभाग के इंजीनियर के भरोसे कार्य नहीं करना बल्कि अपना इंजीनियर रखना है। लेकिन ठेकेदार कॉलेज से बीई करके निकले डिग्रीधारक को इंजीनियर रख लेता है, क्योंकि वह 8-10 रुपए में ही काम करने को राजी हो जाता है।


-मैं खुद मौका निरीक्षण करूंगा यदि काम खराब पाया गया तो ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
नीरज कुमार बनसोड़, कलेक्टर, जांजगीर

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