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सरहदी इलाकों से शहर में हो रही गांजे की तस्करी, जांच के बाद भी निकल रहा खेप

Crime News: शहर से अनेक राज्यों की सीमा नजदीक होने के कारण सरहदी इलाकों से गांजा की तस्करी ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है।

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Ganja is being smuggled into the city from border areas Jashpur

सरहदी इलाकों से शहर में हो रही गांजे की तस्करी

पत्थलगांव। Chhattisgarh News: शहर से अनेक राज्यों की सीमा नजदीक होने के कारण सरहदी इलाकों से गांजा की तस्करी ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। ज्ञात हो कि पत्थलगांव नशे के सौदागरों के ओडिशा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश के नशे के कॉरिडोर के बीच में पड़ता है, और सीमा पर तमाम तरह की जांच के बावजूद गाहे-बगाहे तस्कर इस मार्ग से अपनी खेप निकालने में कामयाब हो ही जाते है।

अभी कुछ दिनो पहले ही पत्थलगांव में गांजा की एक बड़ी खेप पत्थलगांव पुलिस ने पकड़ी थी, जिसमें आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एक आरोपी किसी कारणवश पुलिस की पकड़ से भागने में कामयाब हो गया था, जिसे बाद में सरगुजा जिले की पुलिस ने पकड़कर उसके असली ठिकाने तक पहुंचा दिया है।

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लेकिन जानकार बताते हैं कि, शहर में एक बार फिर गांजे की तस्करी एवं उसकी बिक्री ने जोर पकड़ ली है। पिछले कुछ समय से यह सिलसिला रूका हुआ था। सूबे के मुखिया की कड़ाई के बाद प्रदेश भर में गांजे की तस्करी पर रोक लग गई थी, लेकिन इन दिनो जशपुर जिले में मादक प्रदार्थ की तस्करी जोरों पर है। जिसके कारण शहर में भी जगह-जगह पर गांजा बेचा जा रहा है। गांजा आसानी से मिल जाने के कारण युवा वर्ग इस नशे की ओर आकर्षित हो चुके हैं। जबकि गांजा की तस्करी के कारण ही शहर में दो वर्ष पूर्व दुर्गा विर्सजन की शोभायात्रा के दौरान हिट एंड रन जैसा वाक्या घटित हो चुका है। इस मामले के बाद ही पूरे प्रदेश भर में गांजा की तस्करी एवं बिक्री पर सूबे के मुखिया ने सख्ती का चाबुक चलाया था, जिसके बाद सरहदी ईलाको से शहर में गांजा की तस्करी पर लंबे समय के लिए ब्रेक लग गया था, पर इन दिनो एक बार फिर सरहदी ईलाकों से शहर के भीतर और आसपास के गांव-गांव में गांजे की खेप पहुंचने लगी है। जिसके कारण युवा एक बार फिर इस नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं इन दिनो शाम ढलते ही शहर की फिजाओं में गांजे की महक आनी शुरू हो जाती है।

नशे की हालत में अपराध के लिए बदनाम है शहर

गांजा का सेवन करने वाले नशेडी अक्सर थकान, सर्दी, खांसी एवं फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित रहते हैं। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेम्स मिंज ने बताया कि गांजा में टॉक्सिन नामक नशे का प्रदार्थ शामिल रहता है, जिसका सेवन करने से फेफड़ों के अलावा लीवर एवं दिमाग पूरी तरह काम करना बंद कर देते हैं। यही कारण है कि इस नशे का सेवन करने वाले लोग ज्यादातर अपराधिक प्रवृत्ति में शामिल रहते हैं, उनका कहना था कि गांजे का नशा करने के बाद दिमाग में सोचने समझने की शक्ति शून्य के बराबर हो जाती है। इस कारण नशेड़ी नशे में कई बाद भयंकर घटनाओं को अंजाम दे जाते हैं।

सूचना के बाद भी कार्रवाई नहीं

जानकार बताते हैं कि शहर के अनेक बस्तियों में गांजा का व्यवसाय खुलेआम चल रहा है। वहां रहने वाले सभ्रांत लोगों द्वारा इस बात की जानकारी पुलिस को दी जाती है, लेकिन कार्यवाही ना होने से अब लोग शिकायत करने में कतराने लगे है। क्षेत्र में नशे के बढ़ते कारोबार के संबंध मे पिछले दिनों पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान भी शहर के अनेक जनप्रतिनिधियों ने इसकी खुलकर शिकायत की थी, पर आज तक काई नतीजा ही नहीं निकला है। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।

आपके माध्यम से ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है, जल्द ही मादक प्रदार्थ बेचने वाले लोगों के संबंध में जानकारी एकत्रित कर कठोर कार्यवाही की जाएगी। - उमेश कश्यप, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक, जशपुर।

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