
रेलवे ने बंद की डाकघर से टिकट बुकिंग, ऑनलाइन सुविधा सबके लिए आसान नहीं, यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें...(photo-patrika)
CG Railway Ticket Booking: छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर जिले में रेलवे लाइन से अब तक वंचित जशपुर जिले के लोगों के लिए डाकघर के जरिए शुरू की गई रेलवे टिकट बुकिंग सेवा किसी वरदान से कम नहीं थी, लेकिन अब यह सुविधा बंद हो चुकी है। दिल्ली से जारी आदेश के बाद सितंबर माह से जशपुर डाकघर का रेलवे बुकिंग काउंटर पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इससे जिले के हजारों यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है।
सालों पहले जब जिले के लोगों को टिकट लेने के लिए रायगढ़ और रांची जैसे दूरस्थ शहरों का रुख करना पड़ता था, तब तत्कालीन सांसद स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ने संसद और मंत्रालय स्तर पर पहल की थी। उनकी कोशिशों से ही जशपुर डाकघर में रेलवे टिकट बुकिंग काउंटर की शुरुआत हुई।
उस दौर में इसे जिले के लिए बड़ी उपलब्धि माना गया, क्योंकि रेल लाइन की सुविधा से वंचित होने के बावजूद लोगों को घर के पास ही टिकट मिलने लगे थे। खासकर छात्र, मजदूर और आम यात्रियों के लिए यह सेवा जीवन रेखा बन गई थी।
डाकघर अधिकारियों का कहना है कि केंद्र स्तर से आदेश दिया गया है कि जिन काउंटरों से प्रतिदिन 10 से कम टिकटों की बुकिंग हो रही थी, उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाए। जशपुर पोस्ट ऑफिस का काउंटर भी इसी श्रेणी में आ गया। सूत्रों के अनुसार, पिछले कई महीनों से यहां प्रतिदिन औसतन 6 से 8 टिकट ही बुक हो रहे थे। कम बुकिंग का हवाला देते हुए इसे बंद कर दिया गया।
अब यात्रियों को टिकट के लिए एक बार फिर रांची या रायगढ़ का रुख करना पड़ेगा। जशपुर से रांची की दूरी लगभग 180 किलोमीटर है, जबकि रायगढ़ भी करीब 150 किलोमीटर दूर है। इस दूरी को तय करने में न सिर्फ समय बर्बाद होता है, बल्कि खर्च भी कई गुना बढ़ जाता है। जिन यात्रियों का बजट पहले ही सीमित रहता है, उनके लिए यह भारी बोझ है।
स्थानीय यात्री मनोज यादव का कहना है कि हम लोग मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं। टिकट कराने के लिए रांची या रायगढ़ जाना पड़े तो मजदूरी का आधा पैसा सफर में ही खर्च हो जाएगा। सरकार को हमारी दिक्कत समझनी चाहिए।वहीं, छात्रा सीमा टोप्पो कहती हैं कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग सबके बस की बात नहीं है। पोस्ट ऑफिस से हमें आसानी हो जाती थी। अब हमें फिर से भटकना पड़ेगा।
हालांकि रेलवे विभाग का तर्क है कि आज ऑनलाइन टिकट बुकिंग का जमाना है, लेकिन जशपुर जैसे आदिवासी बहुल और ग्रामीण जिले में यह सुविधा सभी के लिए आसान नहीं है। कई गांवों में नेटवर्क की समस्या है। बुजुर्ग और ग्रामीण यात्रियों के लिए ऑनलाइन बुकिंग समझ पाना मुश्किल है।साइबर कैफे या एजेंटों पर निर्भर रहने से अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है। इन कारणों से आम जनता के लिए डाकघर काउंटर ही सबसे भरोसेमंद साधन था।
पोस्टमास्टर जशपुर लक्ष्मी प्रधान ने कहा की प्रतिदिन 10 से भी कम बुकिंग होने की वजह से कॉउंटर को बंद किया गया है। इस संबंध में पत्र प्राप्त होने के बाद ही कॉउंटर को बंद किया गया है। जहां भी प्रतिदिन 10 से कम बुकिंग हो रही थी उस पोस्ट ऑफिस में बुकिंग कॉउंटर को बंद किया गया है।
Published on:
26 Sept 2025 01:35 pm
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