Suckermouth Catfish: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में अमेरिकन फिश मिला है। मंगलवार की सुबह बगीचा के झांपीदरहा के जलदेव भगत ने अपने साथियों के साथ दोड़की नदी में जैसे ही जाल डाला तो उनके जाल एक मछली फंसी। यह मछली भारत से हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण अमरीका की अमेजन नदी में पाई जाती है। इसे सकर माउथ कैटफिश कहा जाता है।
ग्रामीण जलदेव भगत को उक्त मछली अजीब सी लगी। उसे पकड़कर वह जब जानकारों के पास पहुंचा तो पता चला कि, इस मछली का नाम सकरमाउथ कैट फिश है। यह अमेरिकन मछली बगीचा में चर्चा का विषय बनी हुई है। नगरवासी अमेरिकन मछली सकरमाउथ कैट फिश को देखने पहुंच रहे हैं।
Suckermouth Catfish: खतरनाक है सकर माउथ कैटफिश
एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में इन(Devil Fish) मछलियों का मिलना नदी के इको सिस्टम के लिए भी चिंताजनक है। यह मछली आसपास के जीव-जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है। इस मछली की चार आंखें होती हैं। इनका असली घर भारत की नदियां नहीं हैं। नदी में इस मछली के पहुंचने का मतलब होता है कि यह दूसरे जीव-जंतुओं के लिए खतरा पैदा कर देगी। यह कई रंगों में पाई जाती है। इस मछली का वैज्ञानिक नाम है हाइपोस्टोमस प्लेकोस्टोमस(hypostomus plecostomus) और Siluriformes के अंतर्गत आता है। इसे मछली चूसने वाली शैवाल, कांच साफ करने, पत्थर चूसने, कांच चूसने या कांच चूसने के नाम से भी जाना जाता है। यह खतरनाक होती है। इस मछली का तालाब या नदी में मिलना अच्छा नहीं है क्योंकि यह जलीय संतुलन बिगाड़ देती है।
मांसाहारी मछली है
जानकारी के अनुसार यह एक मांसाहार प्रवृत्ति की मछली है जो अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाती है। इंटरनेशनल मार्केट में इस मछली की कीमत बहुत ज्यादा होती है। हालांकि लोग इसे खाना पसंद नहीं करते हैं।
मछली का रंग
इसका शरीर हल्के भूरे रंग का होता है जिसमें कुछ गोल, काले धब्बे होते हैं। सिर पर भी काले धब्बे हैं। प्रजातियों के आधार पर, कुछ नमूने ऐसे होते हैं जिनका पूरे शरीर पर गहरा रंग होता है। डेविल फिश(Devil Fish) में पानी से बाहर लंबे समय तक रहने की क्षमता होती है। यहां तक कि इसके माध्यम से चलते हैं। ये मछलियां 14 घंटे तक पानी से बाहर रहे हैं।