
ओम प्रकाश राजभर और महेन्द्रनाथ पाण्डेय
जौनपुर. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिये कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर लगातार बड़ी टेंशन बने हुए हैं। काफी मान मनव्वल के बाद भी वह लगातार योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उनके तेवर इस करद तल्ख हो चुके हैं कि अब उन्हें बीजेपी और योगी सरकार की चेतावनी की भी कोई परवाह नहीं। उनके बयनों और लगातार मोर्चा खोलने को लेकर नाराज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की चेतावनी के कुछ घंटे के बाद ही उन्होंने इसे दरकिनार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे बयान बहुत देखे हैं। हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
ओम प्रकाश राजभर जौनपुर के सिरकोनी ब्लाक में सोमवार को दिव्यांगों को ट्राइ साइकिल आदि सामान वितरित करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रिका से विशेष बातचीत की। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय जब यह सवाल किया गया कि बीजेपी पदेश अध्यक्ष ने आपको सुधर जाने और मर्यादा में रहने की चेतावनी दी है, आपके खिलाफ सख्त कदम तक उठाने की बात कह दी है। इस सवाल पर उन्होंने कहा.. हूंह... बहुत देखे हैं मैंने ऐसे बयान, ऐसे बयान आते-जाते रहते हैं। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हम अपनी पार्टी की सोच और विचारधारा से बिल्कुल नहीं हटेंगे। हम सरकार में हैं और सरकार में रहकर, लड़कर गरीबों का हक दिलाना है। मिनिस्टर भी इसीलिये बनाया गया है कि आप अंदर लड़ो। अंदर बात नहीं बन पा रही है तो मैं उनको क्या कहूंगा जिसका वोट दिलवाया है।
इस दौरान उन्होंने अपना दर्द भी जाहिर किया। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पिछले एक साल से वह अपनी पार्टी के कार्यालय के लिये मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ , बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह व सुनील बंसल से लेकर सबसे कह चुका हूं। हद तो ये है कि उन लोगों को कार्यालय मिल गया है, जिनके पास एक विधायक तक नहीं। पर मेरी पार्टी को अब तक नहीं मिला। अब इसे हम किस फोरम में कहूं। मुख्यमंत्री और अमित शाह से बड़ा फोरम कौन है। बिना नाम लिये महेन्द्रनाथ पाण्डेय पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को सलाह देना एक अच्छी बात है पर सलाह पर अमल करना अलग।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के बाहर आकर प्रेस कांफ्रेंस करने का जिक्र करते हुए कहा कि वह बाहर तब आए जब उनकी बात अंदर नहीं बनी। मैं तो ओपेनली अपनी सारी बात कह रहा हूं। इसके बाद वह छात्रवृत्ति की बात करने लगे। कहा कि इस मामले पर कोई बहस कर ले। अगर मैंने सीएम से न कहा हो या फिर कैबिनेट में इस पर चर्चा न किया हो। पिछड़ी जाति के विभाजन के सवाल पर किसी से न कहा हो तो कहें। राशन कार्ड, आवास, शौचालय व पेंशन के सवाल पर न कहा हो तो कोई कहे। हालांकि महेन्द्र पाण्डेय का नाम लिये बिना जोड़ा कि वैसे सब स्वतंत्र हैं और यह उनका विचार है।
उन्होंने पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति को लेकर भी योगी सरकार को घेरा। कहा कि 24 लाख छात्रों के लिये तो आपने तीन हजार करोड़ा दे दिया और 26 लाख बच्चों के लिये सिर्फ एक हजार 85 करोड़ रुपये। इतना ही नहीं 24 लाख, जिनमें एससी/एसटी, अल्पसंख्यक और जनरल शामिल हैं उनके लिये पोर्टल खोल दिया गया। कहा गया कि जो बच्चे बचे हैं उन्हें भी छात्रवृत्ति देंगे। पिछड़ों के साथ ऐसा अन्याय क्यों किया जा रहा है। ये जो दो तरह की बातें हो रही हैं इसको लेकर मुख्यमंत्री, अमित शाह और सुनील बंसल जी सबसे कह चुका हूं।
By Javed Ahmad
Published on:
15 May 2018 03:32 pm
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