
Government will not impose ban on Korana in Bhagoria festival
झाबुआ। आदिवासी बाहुल्य में जिले में लोक संस्कृति की छटा बिखेरने वाले पारंपरिक आदिवासी पर्व भगोरिया की शुरुआत 11 मार्च से हो रही है। इस पर्व में 17 मार्च के 35स्थानों में आयोजित होगें। पिछले दो सालों तक कोरोना बंदिशों इस बार भगोरिया पर्व में नहीं रहेगी। हांलाकि पर्व के दौरान लोगों को सोशल डिस्टिेसिंग व मास्क का उपयोग लगाना होगा। इसके अतिरिक्त कोई भी प्रतिबंध इस पर्व में रहेगा।
बताया जा रहा है कि इस बार तीसरी लहर का खतरा लगभग टल गया है। इसलिए भगोरिया पर्व आयोजित होने पर कोई संशय नहीं है। सरकार ने शादियों में मेहमानों की संख्या से प्रतिबंध हटा दिया है, इसलिए भगोरिया पर्व मनाने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। इन दिनों खेल आयोजन शासकीय आयोजन, विवाह समारोह ,धार्मिक आयोजन एवं राजनीतिक आयोजन पूरी क्षमता के साथ आयोजित हो रहे हैं। ऐसे में होली के आसपास लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार या भगोरिया हाट बाजारों के आयोजनों को लेकर भी स्थिति अनुकूल है।
ढोल मांदल की रहेगी धूम भगोरिया में ढोल मांदल की धूम रहेगी। झूले-चकरी के साथ खाने-पीने की चीजों की दुकानें लगेंगी। भगोरिया को लेकर राजनीतिक दलों की गेर इस बार ज्यादा निकलने की संभावना है। पानी की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की जाएगी। शुरुआत में छोटे-छोटे गांव में उत्सव मनेगा, जहां भीड़ कम ही रहती है।
इन 35 स्थानों में मनाया जाएगा भगोरिया पर्व
11 मार्च- भगोर , मांडली , बेकलदा , कालीदेवी
12 मार्च- मेघनगर, राणापुर, बामनिया, झकनावदा
13 मार्च - झाबुआ, रायपुरिया, काकनवानी
14 मार्च- पेटलावद ,रम्भापुर, मोहनकोट, कुंदनपुर, रजला , मेड़वा
15 मार्च- पिटोल, थांदला, खरडू , तारखेड़ी, बरवेट
16 मार्च- करवट ,बोलासा,कल्याणपुरा, मदरानी, माछलिया, उमरकोट, ढेकल,
17 मार्च- पारा, चैनपुरा , समोई, हरिनगर, सारंगी
Published on:
11 Mar 2022 03:13 pm
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