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कांतिलाल को मोरडूंडिया भेजने का दावा कर रहे मथियास ने आखिरकार उनके समर्थन में अपना नामांकन वापस लिया

कलावती की समझाइश का असर : कांग्रेस प्रत्याशी की भतीजी एवं जोबट विधायक कलावती काका के लिए बनी संकट मोचक, मथियास से चर्चा करने के साथ कलेक्टोरेट जाकर नामांकन फॉर्म निकलवाया, मथियास बोले-2008 के विस चुनाव में टिकट वितरण के बाद से मनमुटाव था जिसे बातचीत से कर लिया

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कांतिलाल को मोरडूंडिया भेजने का दावा कर रहे मथियास ने आखिरकार उनके समर्थन में अपना नामांकन वापस लिया

झाबुआ. कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया की भतीजी एवं जोबट विधायक कलावती भूरिया उनके लिए संकट मोचक बनकर ाई। उन्होंने अपने काका कांतिलाल के घोर विरोधी एवं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने वाले मथियास भूरिया से चर्चा कर उनका मन बदलने में अहम भूमिका निभाई। इसका सर रहा कि 24 घंटे पहले तक कांतिलाल को मोरडूंडिया (कांतिलाल का गृहग्राम) पहुंचाने की बात कहने वाले मथियास ने अंतिम दिन न केवल अपना नामांकन वापस ले लिया। बल्कि कहाकि-हमारे बीच जो मनमुटाव थे वह दूर हो गए। अब कांतिलाल भूरिया ौर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में कार्य करूंगा।

रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा के साथी एवं राणापुर जनपद सदस्य मथियास भूरिया ने कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। वे न केवल सोशल मीडिया पर कांतिलाल के खिलाफ मुहिम चला रहे थे, बल्कि उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भी भर दिया था। चूंकि मथियास कांग्रेस से जुड़े रहे हैं इसलिए उन्हें मनाने की लगातार कोशिशें की जा रही थी। इन प्रयासों के बीच कांतिलाल की भतीजी एवं जोबट विधायक कलावती भूरिया ने मथियास से बात करने की जिम्मेदारी उठाई। चूंकि राणापुर जनपद के चुनाव में कलावती ने मथियास का साथ दिया था तो उन्होंने उन्हीं पुराने संंबंधों का हवाला देते हुए मथियास को मनाया। आखिरकार मथियास मान गए। चूंकि गुरुवार को नाम निर्देश पत्र वापस लेने का अंतिम दिन था तो सुबह 11 बजे मथियास अपना नामांकन वापस लेने कलेक्टोरेट पहुंच गए। उनके साथ कलावती भूरिया, कांग्रेस नेता प्रकाश रांका, गौरव सक्सेना सहित अन्य नेता मौजूद थे।
मथियास भूरिया सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय थे। उन्होंने सबसे पहले 20 अप्रैल को फेसबुक पर एक पोस्ट डालते हुए लिखा था-मैं कांतिलाल भूरिया के सामने चुनाव लडूंगा और उनकी पूरी पोल खोलूंगा। इसके बाद से वे लगातार कांतिलाल के खिलाफ कुछ न कुछ पोस्ट डालते रहे थे। जब बुधवार को उनकी कलावती भूरिया से बात हो गई तो इसकी सूचना भी उन्होंने फेसबुक के जरिए दी। रात 11.22 बजे उन्होंने कलावती भूरिया के साथ वाला अपना फोटो डालते हुए लिखा-जोबट विधायक कलावती भूरिया के कारण समझौता हो जाएगा। कल मैं कलावती भूरिया के कारण अपना फॉर्म वापस ले लूंगा दोस्तो।
इस तरह मथियास कांतिलाल के खिलाफ करते रहे बयानबाजी : 23 अप्रैल को मथियास ने फेसबुक पर मतदाताओं को ंसबोधित करते हुए लिखा- 40 सालों से कांतिलाल भूरिया का नामांकन दाखिल कराने के लिए झाबुा आ रहे हो लेकिन आज तक वो आपको पहचानते नहीं है। वो बरसाती मेंढक की तरह पाचं साल में चुनाव के दौरान आ जाते हैं और फिर पांच साल के लिए गायब हो जाते हैं। इसलिए मैं अपसे कहता हूं कि आने वाली पीढ़ी के साथ धोखा मत करो और कांतिलाल भूरिया को हरा दो। इसी तरह 24 अप्रैल को उन्होंने लिखा-रतलाम, झाबुआ व ालीराजपुर के सभी साथियों कांतिलाल भूरिया की गलत नीतियों के कारण मैं उन्हें हराना चाहता हूं।
नामांकन वापस लेने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
मथियास भूरिया के नामांकन वापस लेने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया आने लगी। उनके समर्थक खासे नाराज हुए। एक समर्थक धनसिंह भूरिया ने लिखा- कितने पैसे मिल गए। थोड़ी सी उम्मीद रखी थी। सब पानी फेर दिया। लगता है ज्यादा ही कुछ दे दिया। कितने में समझौता हुआ। आपने जब कांतिलाल को मोरडूंडिया भेजने का संकल्प लिया था तो हम जोरों से तैयारी कर रहे थे। आपने चंद रुपयों की लालच में ाकर नामांकन लेने की बात कह दी। आप मेरे बड़े भाई हो। आपकी वजह से कितने लोगों के दिल में ठेंस पहुंचेगी। भावेश सिंगाड़ ने लिखा-अब आपकी ईमानदारी कमजोर हो जाएगी। लोगों का विश्वास कम हो जाएगा। आज पैसों के लिए लोग कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए दूसरों पर ज्यादा विश्वास न करें। शुभम कुमार चौहान ने लिखा- चंद रुपयों के लिए मथियास सर आपने पना ईमान बेच दिया। कितने रुपए मिले नामांकन वापस लेने के। प्रकाश रावत ने लिखा- आपने इमान बेच दिया क्या। पहले तो कह रहे थे कि कांतिलाल भूरिया को मोरडूंडिया भेजना है और अब आप तो खुद आपके गांव जाने की तैयारी कर रहे हो। सोशल मीडिया पर जो नाटक कर रहे थे उसकी कीमत आपको मिल गई। नाटक खत्म पैसा हजम।
आदिवासी भाषा में भी आई प्रतिक्रिया
- नवल भूरिया ने लिखा-केतरा में तोड़ थायो। तो जवाब में मथियास ने लिखा घणा मां।
- प्रवीण कलारा ने लिखा- लागी गयो लाइन पर रुपयो खाई ने वेसाय गयो लागे हाव तारी ऊपर भरोहो नी करवानो। (यानि-तुम भी लाइन में लगकर रुपए खाकर बिक गए। अब कोई तुम पर भरोसा नहीं करेगा।)
इस तरह बदल गए सूर बोले-11 साल का मनमुटाव खत्म हुआ
यह हमारे परिवार का मामला था। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के बाद से मनमुटाव चल रहा था। अब जाकर सारे मतभेद खत्म हो गए। मैं कांग्रेस पार्टी और कांतिलाल भूरिया के पक्ष में कार्य करूंगा।
तीन प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लिए, अब रह गए नौ
झाबुआ. लोकसभा चुनाव के तहत रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर गुरुवार को नाम वापसी का अंतिम दिन था। निर्धारित समय तक तीन प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिए। इसके साथ ही अब सांसद की दौड़ में 9 उम्मीदवार रह गए हैं। रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट के लिए कुल 13 लोगों ने नामांकन दाखिल किए थे। इनमें से एक नामांकन जांच में ही निरस्त कर दिया था। बचे हुए 12 प्रत्याशियों में से गुरुवार को सबसे पहले निर्दलीय प्रत्याशी मथियास भूरिया ने नामांकन वापस लिया। इसके बाद जोहरसिंह मीठूसिंह सेमलिया व जोसफ उर्फरामसिहं ने भी रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपने नाम निर्देशन पत्र ले लिए।