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लम्पी वायरस से बचाव के लिए हवन-पूजन, महिलाओं ने रखा अखंड व्रत

lumpy virus- डाक्टरों के इलाज से ठीक नहीं हुए पशु तो लोगों ने शुरू कर दिया हवन-पूजन...। आदिवासी गरबे का भी आयोजन, पांच दिनों का अखंड उपवास किया...।

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झाबुआ

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Manish Geete

Oct 19, 2022

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झाबुआ। मध्यप्रदेश में लंपी वायरस का कहर जारी है। कई जिलों में एक के बाद एक पशुओं की मौत हो रही है। गरीबों की रोजी रोटी से जुड़े पशु खत्म होते जा रहे हैं। लोगों ने अब इसे ईश्वरीय प्रकोप मानकर हवन-पूजन शुरू कर दिया है।

लम्पी वायरस तेजी से गाय, बैलों में फैलता जा रहा है। खेड़ा, झाझरवा, अंधारवड आदि गावों में एक साथ लंपी वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। ग्रामीणों ने पशु चिकित्सक को बुलाकर कई बार इलाज करवाया, लेकिन पशुओं में सुधार नजर नहीं आ रहा है । ग्रामीण महिलाओं ने लम्पी वायरस से राहत के लिए एक अनोखा प्रयास किया है।

लम्पी वायरस को लेकर ग्राम अंधारवड की महिलाओं ने पांच दिनों के अखण्ड उपवास किए हैं। अखंड उपवास आज छठे दिन सभी महिलाएं व कई ग्रामीण अति प्राचीन पूजन स्थल माताजी मंदिर पर अपने घर से कलश को लेकर पहुंचीं और विधि-विधान से पूजा कर इस बीमारी से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। माताजी मंदिर पर आदिवासी पारंपरिक लोक गीत, गरबा नृत्य का आयोजन भी हुआ, जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग, युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गरबे अयोजन के बाद माताजी मंदिर पर सभी ने नारियल, अगरबती, धूप, भेट कर अपने व्रत विधि अनुसार खोले।

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संकट के समय उपवास रखती हैं महिलाएं

ग्रामीणों को यह विश्वास है कि जब भी ऐसी कोई समस्या आती है तो गांव की महिलाएं उपवास करती हैं व माताजी को रोजाना जल मंदिर पर चढ़ाती है, जिससे समस्या का जल्द ही निराकरण होता है । कोरोना के समय भी गांवों में कई महिलाओं ने 11 दिनों के अखंड उपवास किए थे। सभी को विश्वास है कि उपवास और पूजन से समस्याओं का समाधान होता है।