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राजस्थान के इस बांध से 1821 गांवों को मिलेगा पानी, लेकिन काम पूरा होने से पहले ही गरमाई सियासत

Dam on Parwan River: हाड़ौती के तीन जिलों के लिए परवन वृहद बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना को पूरा होने में अभी एक साल और लगेगा, लेकिन इसके पानी को लेकर अभी से सियासत गरमाने लगी है।

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Parwan-Irrigation-Project

अकावद कला में बन रहा बांध। (फोटो- पत्रिका)

झालावाड़। ईआरसीपी के तहत हाड़ौती के तीन जिलों के लिए बहुप्रतीक्षित परवन वृहद बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना को पूरा होने में अभी एक साल और लगेगा, लेकिन इसके पानी को लेकर अभी से सियासत गरमाने लगी है। झालावाड़ के खानपुर तहसील में अकावद कलां में परवन नदी पर बन रहे बांध का काम 93 फीसदी पूरा हो सका है। बांध का निर्माण इस साल के आखिरी तक पूरा होने की उम्मीद है। ऐसे में अगले मानसून में ही यह बांध भर सकेगा।

झालावाड़-बारां क्षेत्र के सांसद दुष्यन्त सिंह पिछले लंबे समय से इसके पानी को मुद्दा बना रहे हैं। पिछले दिनों लोकसभा में शून्यकाल में उठाया मुद्दा हो या प्रदेश के जल संसाधन मंत्री के साथ बांध का निरीक्षण। वे लगातार यही कह रहे हैं कि इस परियोजना के पानी पर पहला हक झालावाड़ और बारां के किसानों का है। उन्हें पूरा पानी मिलना चाहिए। इस परियोजना के तहत नहरों का दो चरण में काम चल रहा है। पहले चरण में हो रहे कार्य के जरिये झालावाड़ और बारां जिले के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, वहीं दूसरे चरण में खानपुर, कोटा जिले के सांगोद और लाडपुरा क्षेत्र के किसानों को पानी मिलेगा।

कुछ माह पूर्व बारां में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में दुष्यंत सिंह सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर बिफर गए थे, जब उन्हें पता चला कि अब तक पहले चरण के बजाय दूसरे चरण का काम ज्यादा हुआ है तो पहले चरण में देरी पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि हमारे क्षेत्र का पानी पहले हमारे किसानों को देने की प्राथमिकता निर्धारित क्यों नहीं हुई। इसके बाद गत 23 अप्रेल को प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने अकावद कलां के समीप बन रहे बांध और टनल का निरीक्षण किया, तब भी सांसद दुष्यंत सिंह उनके साथ थे। रावत से चर्चा के दौरान भी दुष्यंत ने पहले बारां और झालावाड़ के किसानों को पानी देने की मांग की।

1821 गांवों को मिलेगा पीने का पानी

करीब 7355 करोड़ की लागत की इस परियोजना के 392 मीटर लम्बा बांध बनाया जा रहा है। इसकी क्षमता 490 मिलियन क्यूबिक मीटर है। परियोजना से बारां, झालावाड़ और कोटा जिले के 637 गांवों के दो लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन सिंचित होगी। इसके साथ ही 1821 गांवों को पीने का पानी मिलेगा।

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योजना से वंचित गांवों को भी जोड़ेंगे

परवन वृहद सिंचाई एवं पेयजल परियोजना तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इससे झालावाड़ और बारां जिलों को पेयजल एवं सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है। कांग्रेस सरकार ने इसको सिर्फ लंबित ही नहीं किया बल्कि इसके स्वरूप के साथ भी छेड़छाड़ की। परियोजना के प्रथम चरण को लंबित कर दिया गया, जो कि बारां और झालावाड़ जिलों से संबंधित था। इस चरण पर मात्र 53 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण हुआ है, जबकि द्वितीय चरण पर 82 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। मेरा प्रयास है कि झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र के वंचित गांवों को भी इससे जोड़ा जाए।
-दुष्यंत सिंह, सांसद झालावाड़


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