घायल बालक के एक सौ से अधिक टांके आए, जबकि पिता के 25 से अधिक टांके आए है। दोनों की जान बच गई, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। घायल के भाई सुजानसिंह ने बताया कि विमंदित भैरूसिंह मंगलवार शाम घर से तलवार निकाल लाया और पास में कुएं पर मौजूद उसके भाई अंतरसिंह पर तलवार के दो-तीन वार कर दिए। पास ही बेटा प्रहलाद और भतीजा सुरेंद्र खेल रहे थे। प्रहलाद पिता को बचाने के लिए हमलावर से भिड़ गया।
उसे दाएं हाथ से तलवार पकड़ी तो उसकी पांच उंगलियां कट गई। जब वह हमलावर को रोक नहीं सका तो घायल पिता के ऊपर लेट गया और तलवार के वार अपने जिस्म पर झेले। इससे प्रहलाद के सिर, चेहरे, गर्दन, पीठ पर गंभीर चोट आई। हमलावर करीब पांच से सात मिनट तक वार करता रहा। शोर सुनकर पास ही हैंडपंप पर पानी भर रही महिलाएं आई। उन्होंने तलवार छीननी चाही तो विमंदित तलवार छोड़कर भाग गया और दूर जाकर कुएं में कूद गया।
तत्काल चढ़ाना पड़ा खून
इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ. इकबाल खान ने प्रहलाद की बहादुरी की तारीफ करते हुए कहा कि इसकी हिम्मत की दाद देनी होगी। इसने तलवार के वार झेलकर अपने पिता को बचा लिया। उपचार के समय दोनों को खून की जरूरत पड़ी। इनका दुर्लभ ब्लड ग्रुप ओ नेेगेटिव था। रक्तदाता समूह से संपर्क साधा तो अनिल कुमार शर्मा ने दो यूनिट रक्त दिलवा दिया। इससे पिता-पुत्र की जान बच गई।