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झालावाड़ डबल मर्डर मामला:बाहुबलियों का गांव में ऐसा खौफ की नहीं हो सका दम्पति का अंतिम संस्कार

सुनेल थाना क्षेत्र के गांव बोलिया बुर्जुग निवासी एक दम्पति की हुई हत्या के बाद उपजे हालात जिले की कानून व्यवस्था की स्थिति अलग ही बयां कर रहे है।

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Jhalawar double murder

jhalawar double murder

झालावाड़। प्रदेश की मुखिया के गृह जिला मुख्यालय पर वैसे तो कई अपराधिक मामले की दहशत से जनजीवन प्रभावित होता रहता है, लेकिन बुधवार को जिले के सुनेल थाना क्षेत्र के गांव बोलिया बुर्जुग निवासी एक दम्पति की हुई हत्या के बाद उपजे हालात जिले की कानून व्यवस्था की स्थिति अलग ही बयां कर रहे है।

आजादी के 70 साल बाद भी आज भी जब प्रदेश के मुखिया के क्षेत्र में यह हालात है कि मरने के बाद दाह संस्कार के लिए गांव की मिट्टी भी नसीब नही हो पाई। जिले के सुनेल थाना क्षेत्र के गांव बोलिया बुर्जुग में पुरानी रजिंश को लेकर हुई एक दम्पति की हत्या के बाद गांव में हमलावरों की इतनी दहशत है कि गांव वालों ने मृतक के पिता को अकेला छोड़ दिया। मजबूरी में पिता को अपने पुत्र व पुत्रवधु के शव को उसके ससुराल में दाह संस्कार के लिए ले जाना पड़ा। मृतक के समाज वाले भी सामने नही आ रहे है।

गौरतलब है कि बुधवार को जिले के गांव बोलिया बुर्जग निवासी राजू पाटीदार की व उसकी पत्नी शोभाबाई की गांव के ही तीन जनों नेे ट्रेक्टर से कुचल कर हत्या कर दी थी। गुरुवार को जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय एसआरजी चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के लिए लाए राजू के शव के साथ आए उसके पिता बुर्जुग रामकरण पाटीदार ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में भी उसका साथ पूरे गांव में कोई नही दे रहा है, इसलिए बेटे के शव को भी उसके बेटे के ससुराल मध्य प्रदेश के भानपुरा के निकट गांव बोरदा में उसकी पत्नी के साथ दाह संस्कार करने के लिए ले जा रहे है।

-समाज के लोगों ने बंद कर दिए फोन
गांव में करीब 200 घर पाटीदार समाज के है और मात्र पचास के करीब बाहुबलियों के मकान है लेकिन उनकी दहशत गांव में इस कदर है कि मृतक राजू के पिता ने बताया कि जब उन्होंने घटना के बाद गांव में लोगों से मदद मांगी तो लोगों ने फोन बंद कर दिए। उसने रोते हुए बताया कि उसके सगे भाई ने भी नहीं पूछी। गुरुवार को भी मात्र राजू के ससुराल पक्ष के लोग ही पोस्टमार्टम के लिए आए। उसने बताया कि परिवार में मात्र राजू ही इकलौता पुत्र था। वह व उसकी पत्नी शोभाबाई ही घर सम्भालती थी। अब परिवार में सिर्फ वह व राजू का 10 वर्षीय पुत्र विजय व 6 वर्षीय पुत्री दिया ही बची है।

पहले भी की थी मारने की कोशिश
पोस्टमार्टम रुम के बाहर खड़े मृतक राजू के साडू ईश्वर लाल व इंदर ने बताया कि करीब 5 माह पहले भी आरेापियों ने राजू को ट्रेक्टर चढ़ा कर मारने की कोशिश की थी। उस समय राजू बाइक किसी काम से जा रहा था लेकिन उसने हमलावरों का इरादा भांप लिया व बच गया। इसकी शिकायत भी पुलिस में की गई थी। लेकिन कोई हल नही निकला और उसी रास्ते पर उसी तरह बाइक पर ट्रेक्टर चढ़ा कर हमलावरों ने घटना को अंजाम दे दिया।