
राजस्थान के झालावाड़ के पिपलोदी के राउप्रावि भवन की छत गिरने के मामले में मनोहरथाना के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने विभाग की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया है। सीबीईओ की ओर से भेजी गई घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल भवन का निर्माण शिक्षा विभाग की ओर से नहीं करवाया गया था। इसका निर्माण 31 साल पहले 1994 में ग्राम पंचायत मनपसर ने करवाया था।
शिक्षा विभाग की ओर से 2011-12 में सर्व शिक्षा अभियान में केवल एक कक्ष बनाया गया था। जो क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। गौरतलब है कि हाड़ौती के रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर राज्य के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री हैं। रिपोर्ट के अनुसार, विद्यालय की पिछली दीवार में अतिवृष्टि से लगातार नींव में पानी भरने से दीवार कमजोर हो गई थी। विद्यालय भवन में कुल चार कक्षा कक्ष थे। विद्यालय में पांच शिक्षक और 72 विद्यार्थी नामांकित हैं।
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रिपोर्ट में बताया कि विद्यालय के संस्था प्रधान की ओर से विद्यालय भवन के जीर्ण-शीर्ण होने या मरम्मत की जरूरत को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं भिजवाए गए थे। विद्यालय के शिक्षकों की ओर से भी विद्यालय भवन की असुरक्षा के संबंध में कोई आशंका भी व्यत नहीं की गई थी।
मनोहरथाना क्षेत्र के जिस पिपलोदी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत गिरी, उसका और भवन के प्लास्टर का काम दो वर्ष पहले ही किया गया था। एक लाख खर्च करने के बावजूद दो वर्ष बाद ही छत और दीवार धराशायी हो गई। पिपलोदी गांव मनपसर ग्राम पंचायत में आता है। जनप्रतिनिधियों की मांग पर राज्य सरकार की ओर से विद्यालय की छत की मर्मत और प्लास्टर के लिए 1 लाख रुपए ग्राम पंचायत को जारी किए गए।
इस राशि से ग्राम पंचायत की ओर से विद्यालय की छत की मरम्मत और भवन में प्लास्टर के काम के नाम पर लीपापोती की गई। मरम्मत के काम के महज दो साल बाद ही भवन धराशायी होने से 7 बच्चों की जान चली गई।
भगवती लोधा, तत्कालीन सरपंच, ग्राम पंचायत मनपसर (हालांकि महिला सरपंच का सारा काम उनके पति रामप्रसाद लोधा संभालता थे।) दौलत राम, तत्कालीन सचिव, ग्राम पंचायत मनपसर (पत्रिका संवाददाता ने तत्कालीन सरपंच, सरपंच पति और तत्कालीन सचिव को कई बार फोन किए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।)
यह सही है कि स्कूल में 2022-23 में मरम्मत का काम हुआ था। फिर भी भवन गिर गया, लेकिन भवन के जर्जर होने की सूचना नहीं दी गई। जर्जर क्यों घोषित नहीं किया, भवन गिरने के क्या कारण रहे, इसकी जांच करवाई जा रही है। पीछे पानी भर गया था, छत पर पेड़ उगे हुए थे, ऐसे कई कारण हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अजय सिंह राठौड़, जिला कलक्टर, झालावाड़
Published on:
27 Jul 2025 06:00 am
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