
झालावाड जिले में इन दिनों भीषण गर्मी का सितम जारी है। आसमान से आग बरस रही है। ऐसे में विद्युत उपभोग भी सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़ गया है। जिले में 5 लाख यूनिट की अतिरिक्त मांग बढ़ गई है। ऐसे में कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट भी हांफ गया। पांच-छह दिन से कालीसिंध थर्मल की दूसरी यूनिट में तकनीकी खराबी आने से बंद हो गई थी। अब एक ही यूनिट पर पूरा लोड आने से ग्रामीण क्षेत्रों में 1 से 2 घंटे की कटौती जयपुर स्तर से ही की जा रही है। इधर अधिक लोड आने से एक नंबर यूनिट भी शनिवार को बंद हो गई। कालीसिंधथर्मल की दोनों यूनिट के आए दिन बंद होने व तकनीकी खराबी आने को सीएमडी ने गंभीरता से लिया और शनिवार को कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में थर्मल अधिकारियों की बैठक ली।
आधा ही रह गया लोड-
कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में 1200 मेगावाट उत्पादन होता है। लेकिन एक नंबर यूनिट के पीए फैन में तकनीकी खराबी आने से विद्युत उत्पादन आधा ही रह गया है। ऐसे में पूरे झालावाड़ जिले में इसी से विद्युत सप्लाई होती है। इन दिनों भीषण गर्मी में मांग ज्यादा बढ़ गई है। पिछले साल 42 लाख यूनिट की खपत थी जो इस बार 47 लाख पर पहुंच गई है। जिले में भीषण गर्मी में पारा 44 डिग्री पार पहुंच गया है। हालांकि दो नंबर यूनिट भी पांच-छह दिन बंद रही। शुक्रवार को दूसरी यूनिट से उससेउत्पादन शुरू हुआ, लेकिन एक नंबर यूनिट दोपहर 12.30 बजे से बंद हो गई है।
इसलिए आ रही बार-बार दिक्कत-
कालीसिंध थर्मल में छत्तीसगढ़ से आ रहा कोयला बहुत ही घटिया आ रहा है। इनदिनों पथरीला कोयला आने से बार-बार परेशानी आ रही है। थर्मल की ईएसपी में राख ज्यादा भरने से बार-बार यूनिट खराब होने की समस्या आ रही है। घटिया कोयला आने से थर्मल की यूनिट में मरम्मत व संचालन में करोड़ों रुपए का खर्चा आता है। इसके बाद भी उच्चाधिकारी व सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
सीएमडी ने ली बैठक-
Published on:
19 May 2024 01:30 pm
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