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राजस्थान चुनाव 2023: चार चुनावों का रिवाज बदलेगा या फिर पुराना चेहरा ही चमकेगा, पढ़िए पूरी खबर

Rajasthan Election 2023 : कांग्रेस इस बार राजस्थान में रिवाज बदलने और सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है, लेकिन झालरापाटन सीट पर हर बार नया प्रत्याशी उतारने का रिवाज कांग्रेस नहीं बदल पाई है।

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जयप्रकाश सिंह
Rajasthan Assembly Election 2023 : कांग्रेस इस बार राजस्थान में रिवाज बदलने और सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है, लेकिन झालरापाटन सीट पर हर बार नया प्रत्याशी उतारने का रिवाज कांग्रेस नहीं बदल पाई है। भाजपा ने कई जगह कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ मौजूदा सांसदों पर दांव खेला है। वहीं, झालरापाटन सीट पर पिछले चार चुनावों से लगातार शिकस्त झेल रही कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मुकाबले इस बार फिर एक नया चेहरा मैदान में उतारा है।

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हर बार उतारा गया नया चेहरा वसुंधरा के मुकाबले में टिक नहीं पाया। दो बार उनके सामने महिलाओं को भी टिकट दिया, लेकिन किसी को भी जीत हासिल नहीं हुई। वर्ष 1998 में आखिरी बार कांग्रेस को इस सीट पर जीत मिली थी। उसके बाद यहां से वसुंधरा राजे लगातार पांचवीं बार चुनाव मैदान में है। इस बार कांग्रेस से नया चेहरा पिड़ावा के पूर्व प्रधान रामलाल चौहान है।

कौन है रामलाल चौहान
कांग्रेस में सक्रिय 64 वर्षीय रामलाल चौहान पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ये झालावाड़ जिले के पिड़ावा क्षेत्र के निवासी हैं। वर्तमान में वे पीसीसी सदस्य हैं। इससे पहले वे पिड़ावा के प्रधान, जिला परिषद सदस्य और 3 बार पंचायत समिति सदस्य रह चुके हैं। वे सोंधवाड़ी राजपूत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। 2008 में हुए परिसीमन में जिले की पिड़ावा विधानसभा क्षेत्र का काफी इलाका इस सीट में शामिल कर दिया गया। ऐसे में यहां पिड़ावा के मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है।

मुद्दे: भाजपा
- ईआरसीपी का कार्य पूरा कराएंगे।
-बेरोजगारी दूर करने की पहल करेंगे।
- प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक नहीं होने देंगे।
- कांग्रेस ने पांच साल तक जिले की उपेक्षा की, विकास कार्य रोक दिए
- कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं किया, किसानों ने आत्महत्या की

मुद्दे: कांग्रेस
-काली सिंध से पूरे क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाना
- क्षेत्र में रोजगार के लिए उद्योगों की स्थापना
- स्कूल-कालेज में शिक्षकों की कमी दूर करना
- गांव-ढाणियों में सड़क का निर्माण
- संतरा प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना

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अधूरे कार्यों की कसक
यूं तो अभी झालरापाटन के शहरी क्षेत्र में अभी ज्यादा बैनर-पोस्टर नजर नहीं आ रहे, लेकिन चौपाल या दुकानों पर समूह में बैठे लोग चुनाव और मुद्दों पर चर्चा में व्यस्त नजर आए। झालरापाटन बाजार में कुछ लोगों से चुनावी मुद्दों को लेकर बात की तो जितेन्द्र पाटनी बोले, क्षेत्र में औद्योगिक विकास की जरूरत है। यहां एक भी बड़ा उद्योग नहीं है, जो थे, वे बंद हो गए। कोटा स्टोन उद्योग खत्म होने के कगार पर है। कृष्णकान्त अग्रवाल का कहना था कि झालावाड़ में बरसों से एयरपोर्ट की स्थापना की कवायद चल रही है, लेकिन यह सपना अधूरा है। एम.कॉम की छात्रा मुस्कान सक्सेना ने कहा, यहां शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता की जरूरत है। काॅलेज और अन्य इंस्टीट्यूट तो खुल गए, लेकिन शिक्षकों के पद खाली हैं। सेवानिवृत्त व्याख्याता कैलाश चंद सोनी ने उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा कि स्कूल तो क्रमोन्नत कर दिए, लेकिन वहां संसाधनों का अभाव है। चुनाव के सिलसिले में राजे अब तक तीन बार यहां आई और पांच दिन रूकी। उनका चुनाव प्रचार कार्यकर्ता संभाले हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल चौहान लगातार गांवों में जनसम्पर्क कर रहे हैं।


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