
विद्यार्थियों को मिलेगी ई-लाईब्रेरी की सुविधा, विद्यार्थियों को मिलेगी ई-लाईब्रेरी की सुविधा, विद्यार्थियों को मिलेगी ई-लाईब्रेरी की सुविधा, विद्यार्थियों को मिलेगी ई-लाईब्रेरी की सुविधा, विद्यार्थियों को मिलेगी ई-लाईब्रेरी की सुविधा
झालावाड़.झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज सहित प्रदेश के दो अन्य कॉलेजों की लाइब्रेरी में जल्द ही बदलाव नजर आएगा।
झालावाड़.अजमेर के महिला इंजीनियरिंग कॉलेज सहित बांसवाड़ा इंजीनियरिंग कॉलेज में डिजिटल ऑनलाइन लाइब्रेरी बनेगी। इससे विद्यार्थी, शिक्षक, शोधार्थी और विशेषज्ञ इंजीनियरिंग ब्रांच की किताबें, जर्नल और पत्र पत्रिकाएं ऑनलाइन पढ़ सकेंगे। राज्य स्तरीय कमेटी इसकी मॉनिटरिंग करेगी।
डिजिटल पुस्तकालय एआइसीटीई और यूजीसी की लाइब्रेरी से भी लिंक होंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज झालावाड़ व बांसवाड़ा व अजमेर के महिला इंजीनियरिंग कॉलेज माखूपुरा में लाइब्रेरी बनी हुई है।
इनमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग और अन्य ब्रांच की किताबें, जर्नल, नियमित पत्र-पत्रिकाएं और कई अन्य विषयों की पुस्तकें सुलभ है। झालावाड़ कॉलेज में करीब 25 हजार पुस्तकें है, हालांकि मौजूदा स्वरूप वैसा नहीं जैसा सचिवालय व कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य महकमों में होता है। लेकिन अभी ई-लाइब्रेरी के हिसाब से और पुस्तकें आना है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत बन रही लाइब्रेरी-
राज्य सरकार सभी इंजीनियरिंग कॉलेज की डिजिटल ऑनलाइन लाइब्रेरी तैयार करने की इच्छुक है। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ.सुभाष गर्ग ने इसके निर्देश दिए है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के तीन इंजीनियरिंग कॉलेज का चयन किया गया है। तीनों कॉलेज क इंजीनियरिंग और अन्य संकाय की पुस्तकें ई-फॉर्मेट में तब्दील की जाएगी। इन्हे डिजिटल प्लेटफार्म पर अपलोड किया जाएगा, इसके लिए झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टाफ ने तैयारी शुरू कर दी है।
विविध विषयों की किताबें मंगलवाई जाएगी-
झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज में अभी 25 हजार से अधिक पुस्तकें है, लेकिन ऑनलाइन लाइब्रेरी के हिसाब से अभी और पुस्तकें आनी है, जिसमें ई जर्नल, ई बुक्स आदि है, इनके आने के बाद शोधार्थियों सहित शिक्षकों को काफी लाभ होगा।राज्य के सभी कॉलेज की लाइब्रेरी में विविध विषयों की किताबें मंगवाई जाएंगी। इनमें राजस्थान और अन्य प्रांतों की साहित्य, कला-संस्कृति, इतिहास, नाट्य विधा, परम्पराओं, समसामयिक, वैश्विक गतिविधियों से जुड़ी किताबों को भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही बीएससी, एमएससी आदि के विद्यार्थियों के भी ई-पुस्तकें होगी। इसके लिए महाविद्यालय को करीब 60 लाख रूपए का बजट मिला है।
ये होंगे फायदे-
- विद्यार्थी, शिक्षक, विशेषज्ञ और शोधार्थी को मिलेगा ई-कंटेंट
- घर बैठे कर सकेंगे पढ़ाई
- सालों तक कंटेंट रहेगा सुरक्षित
- सभी शिक्षा संस्थानों को सुविधा
- एआईसीटीई, यूजीसी की लाइब्रेरी से भी होगी लिंक
31 मार्च तक शुरू हो जाएगी लाइब्रेरी-
सीएम साहब ने बांसवाड़ा में ई-लाइब्रेरी की घोषणा की थी, इंजीनियरिंग कॉलेज में 31 मार्च तक ई-लाइब्रेरी शुरू कर दी जाएगी। अभी सेटअप किया जा रहा है।
करतारसिंह, प्रिंसीपल इंजीनियरिंग कॉलेज, झालावाड़।
Published on:
18 Jan 2021 09:56 pm
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