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Vaibhav Laxmi Temple……झालावाड़ जिले का एकमात्र वैभव लक्ष्मी मंदिर

लक्ष्मी पूजन के लिए आते हैं बड़ी संख्या में श्रद्धालु

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Vaibhav Laxmi Temple......झालावाड़ जिले का एकमात्र वैभव लक्ष्मी मंदिर

Vaibhav Laxmi Temple......झालावाड़ जिले का एकमात्र वैभव लक्ष्मी मंदिर

झालावाड़..भीमसागर. जिले में एक मात्र वैभव लक्ष्मी का मंदिर झालावाड़ बारां मेगा हाइवे पर जिला मुख्यालय से महज 22 किमी की दूरी पर बाघेर कस्बे के रामनगर में स्थित है। मंदिर का निर्माण हरिगढ़ घराने के चंद्रावत परिवार के द्वारा करवाया गया है। दीपावली के दिन माता लक्ष्मी का पूजन घर-घर होता है। परन्तु हर शख्स को रोजाना माता का पूजन एवं दर्शन का शुभ अवसर उपलब्ध कराने के लिए इस मंदिर का निर्माण चन्द्रावत परिवार के द्वारा कराने पर माता ने उन्होंने तो खुशहाल किया ही अब अन्य भक्तों को माता की आराधना करने का अवसर दिया है। दरअसल जिले में इस मंदिर कि ख्याति इस प्रकार हो चुकी है कि दूर-दराज के श्रदालु भी अब माता के दर्शन करने के लिए आते है। मंदिर ने अब इतनी ख्याति प्राप्ति कर ली कि क्षेत्र के लोग भी मंदिर में नियमित आरती में भाग लेने लगे हंै। वैभव लक्ष्मी से सुखशांति के साथ धन दौलत की कामनाओं को लेकर आराधना की जाती है। मंदिर में माता वैभवलक्ष्मी की प्रतिमा भी सफेद संगमरमर की स्थापित की गई है। माता लक्ष्मी को सफेद रंग पसंद है। इस पत्थर की खासियत है की यह कभी पीला नहीं पड़ता है। माता की प्रतिमा के दोनों और दो गज भी स्थापित किए है। जो कि माता का सम्पूर्ण स्वरूप है। मंदिर पर चन्द्रावत परिवार के द्वारा नियमित सेवा पूजा के साथ हर शुक्रवार को प्रसादी वितरण का कार्य भी कराया जाता है। मंदिर का निर्माण कार्य चन्द्रावत परिवार के द्वारा जून 2013 में प्रारंभ करवाया जो कि 10 जुलाई 2019 को जाकर पूर्ण हुआ। 11 जुलाई को मंदिर में माता वैभवलक्ष्मी प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की। मंदिर की खासियत है कि सम्पूर्ण मंदिर मकराना के सफेद संगमरमर से कराया है। मंदिर के स्तम्भों पर पिचकारी कार्य किया जो कि मुगलों के समय ताजमहल में किया गया है। संगमरमर के पत्थरों में फूलों-पत्तियों के आकार की डिजाइन की खुदाई करके उनमें रंग-बिरंगे बेशकीमती पत्थरों को फूलों की आकृति में काटकर संगमरमर के पत्थरों के अंदर लगाया गया है। मंदिर की शोभा को चार चांद लगा रहे ।