कड़ाके की सर्दी में भी पानी के लिए रोज हो रही मारा-मारी
जोलपा गांव में ट्यूबवैल व हैंडपंपों का पानी रीता

खानपुर (झालावाड़). उपखंड क्षेत्र के जोलपा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पिछले एक माह से पेयजल संकट बना हुआ है। ग्रामीणों व महिलाओं को गांव की एकमात्र पंचायत की ट्यूबवैल पर पानी भरने के लिए घंटों तक मशक्कत करनी पड़ रही है। गांव के सभी हैंडपंप व ट्यूबवैल मंे पानी सूख जाने के कारण मवेशियों, भवन निर्माण व अन्य उपयोग के लिए पानी का जतन करना ग्रामीणांे को भारी पड़ रहा है।
यहां ४ वर्ष पूर्व राज्य सरकार द्वारा जनता जल योजना के तहत २५ लाख रुपए स्वीकृत कर गांव से ३ किलोमीटर दूर ट्यूबवैल खुदवाकर पाइप लाइनें बिछाई गई थी, लेकिन यह पाइप लाइनें घटिया व गुणवत्ताहीन होने के कारण योजना शुरू होने के अगल ही दिन टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई। साथ ही ट्यूबवैल में भी पानी सूख जाने से नाकारा बनी हुई है। गांव निवासी मधुसूदन गुर्जर ने बताया कि गत एक माह से गांव की सभी ट्यूबवैलों में पानी सूख गया। ३ से ४ हजार की आबादी वाले गांव मंे महज ग्राम पंचायत की एक ट्यूबवैल से अपनी बारी का इन्तजार कर पानी भरना पड़ रहा है।
कहीं पेड़ों पर लटके हैं तो कहीं सड़कों पर सड़ रहे संतरे
गांव में महज ६ घंटे बिजली आने से दुपहिया वाहनों पर बरतनों व पीपियों को लादकर पानी भरकर लाना पड़ रहा है। यहां पेयजल संकट को देखते हुए ग्राम पंचायत द्वारा ४-५ दिनों तक टैंकर से जलापूर्ति कर बंद कर दिया। एेसे में ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता मुश्ताक पठान ने बताया कि विभाग द्वारा गर्मी मंे टेंडर करने के बाद टैंकरों से जलापूर्ति की जााती है। फिलहाल पंचायत द्वारा अपने स्तर पर ही टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है।
अब पाइए अपने शहर ( Jhalawar News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज